कांग्रेस सेवा दल की किताब में कहा गया है कि नाथूराम गोडसे और सावरकर के बीच शारीरिक संबंध थे। इस मामले पर अब राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है। महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ मिलकर सरकार चला रही शिव सेना के नेता संजय राउत ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया दी है। राउत ने कहा, “वीर सावरकर एक महान हस्ती थे और हमेशा रहेंगे। जिनके दिमाग में गंदे ख्यालात हैं, वे इसे साफ कर लें। एक वर्ग जो उनके खिलाफ बात करता रहता है, यह उनके दिमाग में गंदगी को दिखाता है, चाहे वो जो भी हों।”
दरअसल विनायक दामोदर सावरकर और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) पर एक विवादास्पद पुस्तिका में दावा किया गया है कि महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे के साथ हिंदू महासभा के सह-संस्थापक वीर सावरकर का शारीरिक संबंध था।
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे अखिल भारतीय कांग्रेस सेवा दल के प्रशिक्षण शिविर में कथित रूप से ‘वीर सावरकर’ नाम की पुस्तिका का वितरण किया गया था। इसमें सावरकर के आसपास की कई घटनाओं, सवालों और विवादों का जिक्र है।
डोमिनिक लैपिएरे और लैरी कॉलिन्स की ‘फ्रीडम एट मिडनाइट’ में उल्लेखित एक घटना का उल्लेख करते हुए कांग्रेस बुकलेट में कहा गया है, “ब्रह्मचर्य अपनाने से पहले नाथूराम गोडसे के शारीरिक संबंधों का केवल एक ही उल्लेख है। उनके (समलैंगिक रिश्ते) में उनके साथी वीर सावरकर थे।”
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आरएसएस और वीर सावरकर पर किताब की सामग्री का कथित उद्देश्य हिंदू महासभा के सह-संस्थापक से संबंधित कुछ सवालों का जवाब देना है, जिससे एक बड़ा विवाद हो सकता है। सवालों में ‘क्या सावरकर ने हिंदुओं को अल्पसंख्यक महिलाओं के बलात्कार के लिए प्रोत्साहित किया?’ और प्रश्न का उत्तर, जैसा कि कांग्रेस की पुस्तिका में बताया गया है, एक ‘हां’ है।
किताब में यह भी दावा किया गया है कि सावरकर ने 12 साल की उम्र में एक मस्जिद पर पथराव किया था। पुस्तिका में आरएसएस को “नाजी और फासीवादी” संगठन के रूप में वर्णित किया गया है और इसने हिटलर के नाजीवाद और मुसोलिनी के फासीवाद से प्रेरणा ली।