मुंबई। भाजपा के वरिष्ठ नेता राजीव प्रताप रूडी ने कहा कि उनकी पार्टी पर शिवसेना का हमला दर्शाता है कि दिवंगत बाल ठाकरे द्वारा स्थापित पार्टी 15 अक्तूबर को होने वाले महाराष्ट्र विधानसभ चुनावों की ‘‘लड़ाई हार चुकी’’ है।

रूडी ने एक साक्षात्कार में बताया, ‘‘वह (शिवसेना) रास्ता भटक चुके हैं और वे सिर्फ भाजपा के बारे में बात कर रहे हैं।’’

भाजपा के महाराष्ट्र मामलों के प्रभारी रूडी ने कहा, ‘‘यदि वे (शिवसेना) चुनाव जीतने के लिए लड़ रहे हैं तो उन्हें कांग्रेस और राकांपा के खिलाफ लड़ना चाहिए। लेकिन यदि वे सिर्फ भाजपा की बात कर रहे हैं तो यह संभवत: दर्शाता है कि वे लड़ाई हार चुके हैं।’’

उन्होंने कहा, ‘‘नीति के अनुरूप हम उनके बारे में बिल्कुल बात नहीं कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने इसे स्पष्ट कर दिया है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘यह हैरानी की बात है कि शिवसेना राज्य के असल शत्रुओं के खिलाफ नहीं लड़ रही। और वे कहते हैं कि हमने उन्हें धोखा दिया। इसका क्या अर्थ है? आप बड़ा भागीदार और ज्यादा ताकतवर होने का दावा कर रहे थे। अब आपको शिकायत क्यों होनी चाहिए?’’

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘शिवसेना के खिलाफ एक शब्द नहीं बोलूंगा’ वाले बयान की शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ द्वारा निंदा किए जाने के बारे में जब पूछा गया तो रूडी ने कहा, ‘‘उन्होंने (शिवसेना ने) यह आकलन कर लिया होगा कि वे भाजपा से हार रहे हैं। इसलिए यह निराशा है।’’

जब उनसे शिवसेना के साथ 25 साल पुराने गठबंधन तोड़े जाने की वजहों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व गठब्ांधन पर दृढ़ था। किन्हीं वजहों से :सीटों के बंटवारे पर: समझौते नहीं हो पा रहे थे।’’

उन्होंने कहा, ‘‘संवाद में कमी थी। शिवसेना अभी भी किसी वजह से पुराने ही अंदाज में थी और 151 से कम सीटों पर मानने के लिए तैयार नहीं थी। हमारे लिए 130 सीटों से कम पर आना व्यवहारिक तौर पर असंभव था।’’

उन्होंने कहा, ‘‘गठबंधन के नए सहयोगियों यानी राजू शेट्टी के नेतृत्व वाली स्वाभिमानी शेतकारी संगठन, महादेव जनकार के नेतृत्व वाली राष्ट्रीय समाज पार्टी और आरपीआई और विनायक मेटे के नेतृत्व वाली शिवसंग्राम को छोड़ने का कोई सवाल ही नहीं था। इसलिए हमें एक हल निकालना था।’’
रूड़ी ने कहा, ‘‘यदि चुनावों की तारीख कुछ दिन बाद की होती तो शायद हम कोई हल निकाल पाते। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘हम एक ऐसे बिंदु पर पहुंच गए थे जहां कोई भी अपनी स्थिति से आगे नहीं बढ़ रहा था और समय भी नहीं था।’’

भाजपा नेता ने कहा, ‘‘इसमें बैर की कोई भावना नहीं थी लेकिन हमें फैसला करना पड़ा क्योंकि नामांकन दाखिल करने की समयसीमा समाप्त होने में सिर्फ 48 घंटे ही बचे थे।’’

रूडी ने कहा, ‘‘ऐसा कहा नहीं गया लेकिन संभवत: ये संख्याएं मुख्यमंत्री पद से जुड़ी थीं। इस पर बैठ कर चर्चा नहीं की गई थी। यह एक कारण हो सकता है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘पिछले कुछ वर्षों में महाराष्ट्र के लोगों ने गठब्ांधन सरकार ही देखी है। अब उनके पास एक अकेली पार्टी की सरकार चुनने का अवसर है और भाजपा एक अच्छा विकल्प है।’’

जब उनसे चुनावों के बाद शिवसेना के साथ गठब्ांधन के कयासों के बारे में पूछा गया तो रूडी ने कहा, ‘‘ मुझे संदेह है कि ऐसी स्थिति पैदा होगी। लोग भाजपा को पूर्ण बहुमत देंगे और हमारा लक्ष्य कांग्रेस एवं राकांपा को हटाना है। हमारे लिए साथ आने का सवाल ही नहीं उठता। हम इस बारे में सोच भी नहीं रहे।’’

मोदी द्वारा बड़ी संख्या में चुनावी रैलियों को संबोधित किए जाने के बारे में राकांपा प्रमुख शरद पवार की टिप्पणियों को लेकर पूछने पर रूडी ने कहा, ‘‘यदि इस देश में कांग्रेस के लिए मापदंड मनमोहन सिंह हैं तो वे हमें इससे ज्यादा बेहतर व्याख्या और क्या दे सकते हैं?’’ शरद पवार ने कहा था कि मोदी कई चुनावी रैलियां संबोधित कर रहे हैं और यह काम प्रधानमंत्री नहीं करते।