मुंबई में फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के खिलाफ लगातार बयान दे रहे शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने एक्ट्रेस का ऑफिस तोड़ने के मामले में प्रतिक्रिया दी है। राउत ने कहा कि ये कार्रवाई बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) के अधिकारियों की है। इससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है। एक निजी समाचार चैनल से बातचीत में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि जो लोग हमारी पार्टी को बाबर की सेना बता रहे हैं। वे यह जान लें कि हम वही लोग हैं जिन्होंने बाबरी मस्जिद तोड़ी थी।

राउत ने कहा कि कंगना का दफ्तर तोड़ने की कार्रवाई का समय सही है या नहीं, इसका जवाब बीएमसी के कमिश्नर ही दे सकते हैं। ये मामला बॉम्बे हाई कोर्ट में है। इस पर मेरा कुछ भी कहना सही नहीं होगा। जो भी लोग कानून तोड़ेंगे, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। राउत ने कहा, ‘कंगना रनौत के ऑफिस पर बीएमसी ने कार्रवाई की थी। इसका शिवसेना से कोई कनेक्‍शन नहीं है। आप इस मसले पर मेयर या बीएमसी के कमिश्‍नर से बात करें।’ टीवी रिपोर्ट्स के मुताबिक, इसके बाद संजय राउत मातोश्री चले गए। बताया जा रहा है कि वहां पार्टी के रुख को लेकर चर्चा होगी।

हालांकि, इससे पहले संजय राउत ने कहा था कि बदले की भावना से कोई कार्रवाई नहीं की गई है। वह (कंगना रनौत) एक कलाकार हैं। मुंबई में रहती हैं। उन्होंने मुंबई और महाराष्ट्र के लिए जो भाषा का इस्तेमाल किया वह उचित नहीं है। अगर कंगना अपने शब्द वापस लेती हैं तो कोई विवाद ही नहीं रह जाता। बता दें कि कंगना रनौत के ऑफिस पर बीएमसी का बुलडोडर चलने के बाद सियासी तूफान उठ खड़ा हुआ है।

बताया जा रहा है कि सूबे के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने भी मामले पर अपनी नाराजगी जाहिर की है। पूरे विवाद में शिवसेना सरकार की खासी फजीहत हो रही है। गुरुवार को ट्विटर पर #BalasahebThackeray लगातार ट्रेंड किया। दरअसल कंगना ने एक ट्वीट में बालासाहेब ठाकरे के अच्छे कर्मों का जिक्र करते हुए उद्धव पर तीखा तंज किया था। इस हैशटैग के साथ लोग लगातार सवाल कर रहे हैं कि अगर बालासाहेब जीवित होते तब भी क्या शिवसेना का यही रुख होता।