Maharashtra Politics: महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और शिवसेना नेता रामदास कदम के बेटे सिद्धेश कदम को महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (MPCB) का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। नियमों के मुताबिक, पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मामलों में 25 साल का एक्सपीरियंस रखने वाले या पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मामलों से निपटने वाले संस्थानों में अनुभव रखने वाले व्यक्ति को ही इस पद पर नियुक्त किया जा सकता है।

सिद्धेश कदम पिछली बीजेपी-शिवसेना सरकार में पूर्व पर्यावरण मंत्री रामदास कदम के छोटे बेटे हैं। रामदास कदम ने गुरुवार को बीजेपी पर हमला बोलते हुए कहा कि लोकसभा चुनाव के लिए सीट बंटवारे की बातचीत में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना को पीछे छोड़ रही है। महाराष्ट्र सरकार ने 6 मार्च को एक अधिसूचना जारी करके पिछले मौजूदा आईएएस अधिकारी एएल जरहाद को पद से हटा दिया। इसमें कहा गया था कि अध्यक्ष बिना किसी वजह से लंबे समय से अपने कार्यालय नहीं जा रहे हैं। जारहाद को 7 सितंबर, 2021 को एमपीसीबी का अध्यक्ष बनाया गया था।

क्या कहते हैं नियम

एमपीसीबी के पद के लिए पात्रता तय करने वाले नियम कहते हैं कि पर्यावरण संरक्षण से संबंधित मामलों के संबंध में 25 साल का एक्सपीरियंस होना जरूरी है। सरकारी अधिकारियों को उस जगह पर नियुक्त किए जाने के मामले में नियम में कहा गया है कि वह भारतीय प्रशासनिक सेवा में है या रहा है, जो सचिव या उससे ऊपर के पद पर रहा है। वह इस पद पर नियुक्त किया जा सकता है।

वहीं, शिक्षा की योग्यता के बारे में बात करें तो किसी विश्वविद्यालय से पर्यावरण से संबंधित साइंस में मास्टर डिग्री या पर्यावरण या सिविल से संबंधित विषय में इंजीनियरिंग में ग्रेजुएशन की डिग्री होना भी जरूरी है। एमपीसीबी के पूर्व अध्यक्षों में से एक ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे जरूरी पदों पर नियुक्तियों के संबंध में दिशानिर्देश बनाए हैं। हम इसको नजरअंदाज नहीं कर सकते हैं। पात्रता को लेकर पिछले अध्यक्ष के खिलाफ भी मामला था और यहां पर भी ऐसा ही हो सकता है।

सिद्धेश कदम बोले- पर्यावरण के मुद्दे पर काम किया

सिद्धेश कदम ने नियुक्ति के बारे में कहा कि मेरी नियुक्ति से पहले सरकार ने मुझसे कागजात मांगे थे। अगर मैं इस पद के लिए तय किए गए नियमों को पूरा नहीं करता तो मेरी नियुक्ति नहीं होती। ये सरकार है जो भी फैसला लेती है वह हम सब बेहतर तरीके से जानते हैं। कदम ने कहा कि उनके पास मास्टर डिग्री है। उन्होंने भारत के साथ-साथ विदेशों में भी पर्यावरण के मुद्दों पर भी काम किया है।