शिवसेना एक पार्टी के रूप में दूसरे राज्यों में भी पैर पसार रही है। केंद्र शासित प्रदेश दादरा और नगर हवेली में शिवसेना ने अपना खाता खोला है और उन्हें यहां से अपनी पहली सांसद मिल गई है।

दरअसल दादरा और नगर हवेली से 7 बार सांसद रहे मोहन डेलकर की पत्नी कलावती डेलकर ने 51 हजार वोटों से उपचुनाव में जीत हासिल की है। यहां 30 अक्टूबर को उपचुनाव हुए थे, जिसमें कलावती शिवसेना की उम्मीदवार थीं। उन्होंने बीजेपी के महेश गावित को चुनाव में हराया।

कलावती की जीत से शिवसेना का महाराष्ट्र के बाहर भी एक सांसद हो गया है। ऐसा पहली बार हुआ है, जब शिवसेना ने महाराष्ट्र के बाहर किसी लोकसभा चुनाव में जीत हासिल की है।

बता दें कि मोहन डेलकर 7 बार सांसद रहे थे और उनका शव मुबंई के सी ग्रीन होटल से मिला था। उनके सुसाइड नोट में ये आरोप लगाया गया था कि दादरा और नगर हवेली के एडमिनिस्ट्रेटर प्रफुल्ल पटेल ने उन पर सुसाइड करने के लिए प्रेशर बनाया।

इसके बाद डेलकर के परिवार ने इस मामले में कार्रवाई की मांग की, जिस पर सीएम ठाकरे ने SIT गठित करके जांच का आदेश दिया था। यह जांच अभी लंबित चल रही है।

बता दें कि दादरा नगर हवेली और दीव-दमन के प्रशासक प्रफुल्ल पटेल भाजपा के पूर्व विधायक रहे हैं और गुजरात में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी के कार्यकाल के दौरान गृह राज्यमंत्री भी रहे हैं।

डेलकर भी पहले बीजेपी में रहे थे और 1998, 1999 और 2004 में बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़कर जीते थे। इससे पहले वह कांग्रेस के टिकट पर 1991 और 1996 में चुनाव जीते थे। 1989 में वह निर्दलीय ही चुनाव जीत गए थे।

डेलकर ने अपने राजनीतिक जीवन में कई बार पार्टियों का साथ छोड़ा और पकड़ा। वह कई बार पार्टियों का दामन छोड़कर निर्दलीय ही मैदान में कूद पड़े। उन्होंने सबसे पहले निर्दलीय चुनाव जीता, फिर 2 बार कांग्रेस से चुनाव जीता, इसके बाद वह 3 बार बीजेपी से भी चुनाव जीते। बाद में उन्होंने बीजेपी को छोड़कर भारतीय नवशक्ति पार्टी का दामन थामा। इसके बाद वह फिर कांग्रेस में आए और आखिर में JDU में शामिल हो गए।