Shimla Sanjauli Mosque Dispute Case: हिमाचल प्रदेश में शिमला जिला कोर्ट ने संजौली मस्जिद की तीन मंजिलों को ध्वस्त करने के नगर निगम कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है। साथ ही मस्जिद समिति द्वारा निर्णय की समीक्षा करने की मांग वाली याचिका को खारिज कर दिया है। जिसमें मस्जिद की तीन अवैध मंजिलों को तोड़ने के आदेश को चुनौती दी गई थी। कोर्ट ने कहा है कि अवैध निर्माण के मामले में नगर निगम आयुक्त का निर्णय सही है और इसे चुनौती देना उचित नहीं होगा। इस फैसले से याचिकाकर्ता मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है।

मुस्लिम पक्ष के वकील विश्व भूषण ने कहा कि हमारी याचिका खारिज कर दी गई है। और नगर निगम आयुक्त कोर्ट का फैसला बरकरार रहेगा। उन्होंने कहा कि याचिका में हमारा तर्क था कि नगर निगम कोर्ट ने जिस मस्जिद कमेटी को अवैध निर्माण तोड़ने के लिए अधिकृत किया है, वो वक्फ बोर्ड एक्ट की धारा 18 के तहत मस्जिद कमेटी की अधिकृत पदाधिकारी नहीं हैं और न ही वे नगर निगम आयुक्त की कोर्ट में मस्जिद मामले में पेश हो सकते थे। उन्होंने कहा कि फैसला आने के बाद हम उसका पूरा अध्ययन करेंगे और फिर आगे बढ़ेंगे।

संजौली निवासियों का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील जगत पाल ने इस निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि उनकी अपील पर कोई सुनवाई नहीं हो सकती। संजौली मस्जिद की तीन मंजिलों को गिराने का नगर निगम कोर्ट का आदेश कायम है। एक मंजिल पहले ही गिरा दी गई है, और बाकी दो मंजिलें भी जल्द ही गिरा दी जाएंगी।

हालांकि, मस्जिद समिति के प्रमुख मोहम्मद लतीफ ने विध्वंस की समयसीमा को लेकर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हमने मज़दूरों की कमी के कारण शेष दो मंजिलों को ध्वस्त करने की समयसीमा बढ़ाने के लिए नगर निगम न्यायालय में याचिका दायर की है। हाई कोर्ट ने प्रक्रिया पूरी करने के लिए 20 नवंबर की अंतिम तिथि तय की है, लेकिन मौसम खराब है। हम इसे तय समयसीमा में कैसे पूरा कर सकते हैं?

विवाद मस्जिद के अनधिकृत विस्तार को लेकर है। मूल रूप से एक मंजिला इमारत, मस्जिद 2018 तक बिना किसी अपेक्षित मंजूरी के पांच मंजिला इमारत में बदल गई। स्थानीय निवासियों ने इसका विरोध किया, जिसके कारण शिमला नगर निगम ने 2011 में अपना पहला विध्वंस नोटिस जारी किया। नगर निगम न्यायालय ने अंततः 5 अक्टूबर, 2024 को अवैध तीन मंजिलों को ध्वस्त करने का आदेश दिया।

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यह मुद्दा तब सुर्खियों में आया जब हिंदू संगठनों ने हिमाचल प्रदेश में कथित तौर पर अवैध मस्जिदों के खिलाफ कार्रवाई की मांग करते हुए विरोध प्रदर्शन किया। यह मामला हिमाचल प्रदेश विधानसभा में भी उठाया गया, जहां ग्रामीण विकास मंत्री अनिरुद्ध सिंह ने मस्जिदों को गिराए जाने का समर्थन किया।

शिमला के मलयाना इलाके में हुई एक घटना के बाद संजौली मस्जिद विवाद बढ़ गया, जहां कथित तौर पर मस्जिद में शरण लेने वाले छह लोगों ने एक हिंदू व्यक्ति पर हमला किया। इस घटना के बाद हिंदू समूहों ने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया और मस्जिद को गिराने की मांग की, क्योंकि यह अवैध रूप से बनाई गई थी। एक मंजिल पहले ही ध्वस्त हो चुकी है, कानूनी लड़ाई जारी है, क्योंकि मस्जिद समिति अदालत के आदेश का पालन करने के लिए और समय मांग रही है।

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