Shibhu Soren Family Tree: झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का सोमवार को 81 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में आखिरी सांस ली। उनके बेटे और झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने एक एक्स पोस्ट के जरिये इसकी पुष्टि की है। 2 अगस्त को खबर आई कि शिबू सोरेन की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया है।
दिल्ली के सर गंगा राम अस्पताल ने एक मेडिकल बुलेटिन में कहा, ‘शिबू सोरेन को आज सुबह 8.56 बजे मृत घोषित कर दिया गया।’ बुलेटिन में लिखा था, ‘लंबी बीमारी के बाद उनका निधन हो गया। वह किडनी की बीमारी से पीड़ित थे और डेढ़ महीने पहले उन्हें स्ट्रोक भी हुआ था। अस्पताल ने कहा, ‘वह पिछले एक महीने से वेंटिलेटर पर थे।’ आइए अब जानते हैं कि उनके परिवार में कौन-कौन सदस्य हैं।
शिबू सोरेन के परिवार में कौन-कौन हैं?
शिबू सोरेन की शादी रूपी सोरेन से हुई थी। दंपति के तीन बेटे हैं और एक बेटी हैं। इसमें सबसे बड़े दुर्गा सोरेन थे। इसके बाद बेटी अंजलि सोरेन, हेमंत सोरेन और बंसत सोरेन हैं। ये तीनों बेटे राजनीति में एक्टिव रहे हैं। हालांकि, 2009 में दुर्गा सोरेन बिस्तर पर मृत अवस्था में पाए गए थे, उस समय वह झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक थे। दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरन दुमका की विधायक रहीं हैं। इसके अलावा शिबू सोरेन के सबसे छोटे बेटे बसंत सोरेन झारखंड मुक्ति मोर्चा के यूथ विंग के अध्यक्ष हैं। वहीं उनकी बेटी अंजलि सोरेन की बात की जाए तो वह भी सामाजिक कार्य में एक्टिव रही हैं। दुर्गा सोरेन और सीता सोरेन की तीन बेटियां हैं।
अपने पीछे कितनी संपत्ति छोड़ गए झारखंड के पूर्व सीएम शिबू सोरेन
झारखंड के वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की शादी कल्पना सोरेन से हुई थी। कल्पना सोरेन ने भी राजनीति में कदम रख दिया है। वह गांडेय विधानसभा सीट से विधायक हैं। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, वह अपना एक स्कूल भी चलाती हैं। कल्पना सोरेन ने बीटेक के साथ एमबीए भी किया है। हेमंत सोरेन और कल्पना सोरेन के दो बेटे हैं। इनमें से एक का नाम निखिल और दूसरे का नाम अंश है।
1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया
संथाल समुदाय से ताल्लुक रखने वाले शिबू सोरेन का जन्म रामगढ़ जिले में हुआ था, जो उस समय बिहार का हिस्सा था। उन्होंने वामपंथी ट्रेड यूनियन नेता एके रॉय और कुर्मी महतो नेता बिनोद बिहारी महतो के साथ मिलकर 1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा का गठन किया। सोरेन अलग राज्य आंदोलन का एक प्रमुख चेहरा बन गए। इसकी वजह से 2000 में झारखंड का गठन हुआ। शिबू सोरेन का सियासी सफर पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…