कांग्रेस में राहुल गांधी को पार्टी अध्यक्ष बनाये जाने पर सवाल खड़ा करने वालों में दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित भी शामिल हो गयी हैं और उन्होंने कहा कि राहुल के नेतृत्व की क्षमताओं पर ‘‘संदेह’’ है और सोनिया गांधी को इस पद पर बने रहना चाहिए।
77 वर्षीय दीक्षित ने कहा कि सोनिया गांधी के नेतृत्व में एक सहज भाव रहता है और पार्टी के पुनरच्च्त्थान के लिए उनके बहुत सफल नेतृत्व पर भरोसा किया जा सकता है।
दीक्षित ने पीटीआई-भाषा को दिये इंटरव्यू में कहा, ‘‘मैं यह तो नहीं बता पाऊँगी कि क्या होगा या क्या नहीं होगा। राहुल सफल हो सकते हैं। हमें एक और बात समझनी चाहिए कि सोनिया गांधी का नियंत्रण और बहुत सफल नेतृत्व मौजूद है। इसलिए उनके साथ एक सहज भाव है।’’
इस इंटरव्यू का प्रसारण होने पर दीक्षित ने पत्रकारों से बातचीत में सफाई दी कि उन्होंने यह नहीं कहा था कि राहुल गांधी ‘अक्षम’ हैं। उन्होंने टीवी चैनलों से कहा कि उन्होंने जो बयान नहीं दिया है, उससे उन्हें नहीं जोड़ें।
पीटीआई की खबर में पूर्व मुख्यमंत्री के हवाले से राहुल को ‘अक्षम’ नहीं बताया गया और एजेंसी अपनी खबर पर कायम है जो उनके टेप रिकॉर्डिड साक्षात्कार पर आधारित है।
शीला दीक्षित ने कहा कि राहुल की नेतृत्व क्षमताओं को अभी पूरी तरह नहीं परखा गया है।
दीक्षित ने कहा, ‘‘मैं अभी तक किसी ऐसे व्यक्ति से नहीं मिली जिसने सोनिया गांधी के नेतृत्व को लेकर कोई आलोचनात्मक टिप्पणी की हो। मैं यह बात पूरे विश्वास के साथ कह सकती हूं। जबकि राहुल के मामले में, जाहिर तौर पर प्रश्नचिह्न लगा है, एक तरह का संदेह है क्योंकि आपने अभी तक उनका प्रदर्शन नहीं देखा है।’’
दीक्षित ने कहा, ‘‘उन्हें अभी तक कार्य प्रदर्शन करने का मौका नहीं मिला है। उनके पास जिम्मेदारी नहीं थी। इसलिए उनके बारे में फैसला करना और उन्हें खारिज करना या जो उन्होंने किया नहीं है उसके लिए उनकी आलोचना करना, मुझे नहीं लगता कि यह किसी व्यक्ति का निष्पक्ष मूल्यांकन है। हमें देखना चाहिए और इंतजार करना चाहिए।’’
दीक्षित का बयान ऐसे समय में आया है जब राहुल को उनकी मां सोनिया की जगह कांग्रेस का अध्यक्ष बनाये जाने पर कांग्रेस बंटी हुई लगती है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं अमरिंदर सिंह और शीला दीक्षित के बेटे संदीप ने राहुल को अध्यक्ष बनाने की पुरजोर मुखालफत की थी।
शीला दीक्षित के बेटे संदीप ने इस महीने की शुरूआत में कहा था कि सोनिया 99 प्रतिशत पार्टीजनों की नेता हैं और इस समय कमान संभालने के लिए उनकी सबसे ज्यादा जरूरत है। अमरिंदर सिंह ने कहा था कि सोनिया को कांग्रेस का अध्यक्ष रहना चाहिए।
शीला दीक्षित ने कहा, ‘‘सोनिया गांधी के साथ सहजता का भाव है क्योंकि उन्होंने वह सब कुछ किया है जिसकी उम्मीद भी नहीं की गयी होगी। उन्होंने कभी प्रधानमंत्री का पद नहीं स्वीकार किया, फिर भी आम चुनावों में कांग्रेस को दो बार जीत दिलाई।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक राहुल की बात है तो यह सहजता का भाव अभी विकसित होना बाकी है।’’ दीक्षित ने कहा कि उनकी नेतृत्व क्षमताओं पर निर्णय लेना अभी जल्दबाजी होगी।
जब पूर्व मुख्यमंत्री से पूछा गया कि यदि सोनिया पद छोड़ने का फैसला करती हैं तो क्या पार्टी को उसे स्वीकार कर लेना चाहिए तो उन्होंने कहा कि इसका फैसला उन्हें लेना है।
उन्होंने कहा, ‘‘वह (सोनिया) उन लोगों में से नहीं हैं जो जिम्मेदारी से भागते हैं। मुझे नहीं लगता कि वह इस तरह की हैं। और जब कांग्रेस को या उसकी विचारधारा को बचाने की बात है तो वह हमेशा मौजूद रहती हैं।’’
दीक्षित से पूछा गया कि क्या राहुल अध्यक्ष बनने पर पार्टी को चलाने में सक्षम होंगे, उन्होंने कहा कि इस बारे में कुछ कहना जल्दी होगी।
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(इनपुट भाषा से)