शीना बोरा मर्डर केस में आरोपी पीटर मुखर्जी को गुरुवार को जमानत मिल गई। बॉम्बे हाई कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि वह जेल से बाहर नहीं जा सकेंगे। कोर्ट ने सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (सीबीआई) के अनुरोध पर आदेश पर 6 हफ्ते के लिए रोक लगा दी है। न्यायमूर्ति नितिन साम्ब्रे ने उन्हें दो लाख रुपये के मुचलके पर जमानत दी।
न्यायमूर्ति साम्ब्रे ने कहा ‘जिस वक्त इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया पीटर मुखर्जी भारत में मौजूद नहीं थे। इस केस ट्रायल पहले से ही चल रहा है। आरोपी बीते चार साल से जेल में बंद है और उनकी बाई पास सर्जरी की जा चुकी है। सीबीआई ने भी कोई स्पष्टीकरण नहीं दिया कि आखिर क्यों पीटर मुखर्जी को अन्य आरोपियों की गिरफ्तारी के 6 महीनों बाद गिरफ्तार किया गया।’
कोर्ट ने जमानत देते हुए कहा कि प्रथमदृष्टया हमें पीटर मुखर्जी के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिला। कोर्ट के इस आदेश पर सीबीआई ने कहा कि उन्हें कम से कम 6 हफ्ते का समय चाहिए ताकि वह सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर कर सकें। पीटर मुखर्जी ने कहा है कि उसे मरने से पहले अपने बच्चों से मिलने दिया जाए। उन्होंने कहा कि बीते पांच सालों में उन्हें जिन-जिन लोगों से मिलवाया गया वह इस केस से संबंधित रहे हैं।
पीटर मुखर्जी को मामले में 19 नवंबर, 2015 को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें उनकी पूर्व पत्नी इंद्राणी मुखर्जी मुख्य आरोपी हैं। केस में इंद्राणी मुखर्जी भी आरोपी हैं। आरोप है कि 24 वर्षीय शीना की 24 अप्रैल 2012 में कथित तौर पर हत्या कर दी गई थी। इस हत्याकांड का खुलासा 2015 में हुआ जब एक अन्य केस में इंद्राणी मुखर्जी के ड्राइवर श्यामवर राय को एक अन्य केस में गिरफ्तार किया गया। ड्राइवर ने बताया था कि उसने शीरा की डेड बॉडी को ठिकाने लगाने में इंद्राणी की मदद की थी।
सीबीआई के मुताबिक इंद्राणी ने शीना की हत्या की। पीटर मुखर्जी और पूर्व पति संजीव खन्ना इसमें उनका साथ दिया। ये हत्या इसलिए की गई क्योंकि शीना मुंबई में एक फ्लैट की मांग कर रही थी। वहीं सीबीआई ने कहा कि शीना के पीटर के बेटे से भी संबंध थे।