पटना से भाजपा सांसद और अभिनेता शत्रुघ्न सिन्हा ने बुधवार को अपनी बायोग्राफी ‘एनीथिंग बट खामोश’ लॉन्च की और इस मौके पर भाजपा के असंतुष्ट नेता इकट्ठे हुए। बुक लॉन्च के मौके पर लालकृष्ण आडवाणी, यशवंत सिन्हा, कीर्ति आजाद समेत केन्द्रीय मंत्री हर्षवर्धन और वीके सिंह शामिल थे। वहीं सीपीएम नेता सीताराम येचुरी कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला और अमर सिंह भी मौजूद रहे। इस दौरान भाजपा नेताओं ने वर्तमान में सरकार में बैठे नेताओं पर कटाक्ष किए। शत्रुध्न सिन्हा ने किताब के जरिए तो सिन्हा ने स्टेज पर मन की भड़ास निकाली। वहीं आडवाणी ने राज्य सभा के लिए लगातार भेजे जा रहे नेताओं पर निशाना साधा। राज्य सभा का मुद्दा शत्रुघ्न ने उठाया और बताया कि एक बार आडवाणी ने उन्हें राज्य सभा के लिए नामांकित करने से मना कर दिया था। आडवाणी ने इस पर माफी मांगी।
शत्रुघ्न ने अपने बायोग्राफर भारती एस प्रधान को बताया कि कई पार्टी नेता जैसे अरुण जेटली, रविशंकर प्रसाद और वैंकेया नायडू को राज्य सभा में तीसरी बार भेजा गया। इस बारे में यशवंत सिन्हा ने कहाकि इस तरह के नियम भाजपा में सब पर लागू नहीं होते। आप मुझे नाम बताइए और मैं आपको नियम बताऊंगा। पूरी राजनीतिक बिरादरी को अपनी पहुंच में निरंतरता, ईमानदारी और पारदर्शिता लाने की जरूरत है। आडवाणी ने कहाकि कुछ नेता ऐसे हैं जिनके लिए लोकसभा से चुना जाना आसान नहीं है। कई नेताओं में लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने का साहस नहीं होता है। लगातार तीसरी बार के लिए राज्यसभा में नहीं भेजने का फैसला पार्टी का था लेकिन वह इसके लिए माफी चाहते हैं। मैंने शत्रुघ्न को लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए दबाव डालकर अन्याय किया।
बिहार चुनाव में मिली हार के जरिए एक बार फिर से केन्द्रीय नेतृत्व पर हमला बोलते हुए यशवंत सिन्हा ने कहा कि शत्रुघ्न को बिहार में प्रचारक भी नहीं बनाया गया। सच बात तो यह है कि उसे बुलाया भी नहीं गया। जो लोग चुनाव की कमान संभाल रहे थे उन्होंने हमारी काबिलियत नहीं पहचानी। हो सकता है उन्हें केवल 10 आदमी मिलते और मुझे 2 व्यक्ति लेकिन यह ताकत बढ़ाते। केन्द्रीय नेतृत्व पर निशाना साधते हुए सिन्हा ने कहाकि मार्गदर्शक मंडल ऐसी चुनी हुई कमिटी है जो कभी नहीं मिलती। शत्रुघ्न सिन्हा ने अपनी किताब में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह पर हमला बोलते हुए लिखा कि, पार्टी अध्यक्ष ने बड़े विश्वास के साथ कहा था कि हम दो तिहाई बहुमत से जीतेंगे। शायद ऐसा कहना उनके लिए आदत बन गई है क्योंकि दिल्ली में भी उन्होंने ऐसा ही कहा था लेकिन दो तिहाई के बजाय हमें दो या तीन सीटें ही मिली। बिहार भाजपा अध्यक्ष मंगल पांडे से लेकर सुशील मोदी, राजीव प्रताप रूडी, शाहनवाज हुसैन और सभी ने अमित शाह के शब्दों को तोते के जैसे दोहराया।
सुशील मोदी पर हमला बोलते हुए शत्रुघ्न ने कहाकि सुशील मोदी ने उनके लोकसभा चुनाव लड़ने का विरोध किया था और अंत तक मेरी खिलाफत की। लोगों में मेरी लोकप्रियता, साफ छवि और स्वीकार्यता से सुशील मोदी को असुरक्षा हुई हालांकि मैंने कभी नहीं कहाकि मैं बिहार का सीएम बनना चाहता हूं। शत्रुघ्न सिन्हा की किताब को लिखने में सात साल लगे और लेखक प्रधान ने बताया कि शत्रुघ्न सिन्हा या उनके परिवार के किसी सदस्य ने उनसे किसी बात को डिलीट करने को नहीं कहा।
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