Shashi Tharoor on H-1B Visa: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने एच-1बी वीजा के मुद्दे पर अमेरिका और भारत के रिश्तों के लिहाज से अहम टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि कहा है कि नए एच-1बी वीजा आवेदनों पर 100,000 डॉलर का शुल्क लगाने का ट्रम्प प्रशासन का निर्णय अर्थशास्त्र से कम और राजनीति से अधिक जुड़ा है। थरूर ने इसे ट्रंप की मेक अमेरिका ग्रेट अगेन राजनीतिक एक एजेंडा का परिणाम माना जा रहा है।
शशि थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप के बयानों और ट्वीट्स में दिए गए बयानों और उनके शीर्ष व्यापार सलाहकार पीटर नवारो के “बेहद आपत्तिजनक बयानों” की ओर इशारा करते हुए कहा कि इन कदमों की अनुचितता ने भारत में तीखी प्रतिक्रिया पैदा की है।” शशि थरूर ने कहा कि इस तरह की भाषा ने नई दिल्ली और पूरे देश में नाराज़गी पैदा कर दी है।
अचानक ऐसे अपमानजनक शब्द क्यों?
शशि थरूर ने कहा है कि तीन दशकों से भी ज़्यादा समय से भारत-अमेरिका संबंध और भी ज़्यादा गर्मजोशी और नज़दीकी की ओर बढ़े हैं, तो फिर अचानक भारत के बारे में ऐसे अपमानजनक शब्दों का सहारा क्यों लिया जा रहा है?” इसके अलावा समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा कि अचानक वीजा शुल्क वृद्धि मुख्य रूप से घरेलू राजनीति से प्रेरित थी, जिसमें ट्रम्प अपने तथाकथित एमएजीए निर्वाचन क्षेत्र के बीच समर्थन को मजबूत करने की कोशिश कर रहे थे।
ट्रंप के फैसले को बताया राजनीतिक स्टंट
H-B1 के इस फैसले को एक घरेलू राजनीतिक स्टंट बताते हुए शशि थरूर ने कहा कि अचानक बढ़ोतरी डोनाल्ड ट्रंप के तथाकथित MAGA समर्थकों को लुभाने के लिए थी, जो मानते हैं कि भारतीय तकनीकी कर्मचारी अमेरिकियों के वेतन को कम करते हैं। थरूर ने एएनआई को दिए साक्षात्कार में कहा कि फिर से, मकसद मुख्य रूप से घरेलू राजनीति से प्रेरित हैं।
समझाई ट्रंप के कदम की वजह
शशि थरूर ने कहा है कि डोनाल्ड ट्रंप का मानना है और उनके आस-पास के लोगों ने उन्हें बताया है, कि आसान H-1B का मतलब है कि बहुत सारे अमेरिकी जो समान कंपनियों से उच्च वेतन के हकदार हैं, उन्हें भारतीयों द्वारा दरकिनार किया जा रहा है जो कम वेतन स्वीकार करेंगे। आज तथाकथित MAGA आंदोलन की प्रमुख राजनीतिक ताकतें बहुत खुले तौर पर आप्रवासियों के विरोधी हैं, और विशेष रूप से दृश्यमान आप्रवासियों, एक अलग रंग के लोग जिन्हें सफेद जातीय मुख्यधारा के रूप में देखा जा सकता है।