कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मंदिर में प्रवेश न दिए जाने का आरोप लगया है। थरूर ने इस मामले पर प्रधानमंत्री कार्यालय को निशाना बनाया है। उनका कहना है कि पीएमओ ने ही लिस्ट ने उनका नाम हटवा दिया। हालांकि इस दौरान थरूर के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साथ थे। लेकिन थरूर को मंदिर में प्रवेश से पहले ही लौटा दिया गया। थरूर ने अपनी नाराजगी ट्विटर के जरिए जताई है। पीएम मोदी मंगलवार को केरल दौरे के दौरान तिरुवनंतपुरम स्थित पद्मनाभस्वामी मंदिर गए थे।
तिरुवनंतपुरम से सांसद शशि थरूर ने ट्विटर पर लिखा कि, ‘स्वदेश दर्शन प्रोजेक्ट के शुभारंभ के लिए तिरुवनंतपुरम में श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मैंने अगवानी की लेकिन स्थानीय सांसद, विधायक और मेयर को दर्शन के लिए नहीं जाने दिया गया। वहां सुनाई पड़ा कि प्रधानमंत्री कार्यालय ने हमारा नाम लिस्ट से हटवा दिया है।
Received PrimeMinister @narendramodi at the SreePadmanabhaSwamy temple in Thiruvananthapuram for the unveiling of a plaque of the Swadesh Darshan project. But when the local MP,MLA&Mayor were to enter the temple w/him for darshan, we learned that @PMOIndia had cut us from d list. pic.twitter.com/mactAJZZgK
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) January 15, 2019
बता दें कि, पीएम मोदी मंगलवार को केरल के श्री पद्मनाभ मंदिर पहुंचे थे। यहां उन्होंने करीब 20 मिनट बिताए थे। कोलम जिले में एक प्रधानमंत्री ने कहा था कि वह श्री पद्मनाभस्वामी से केरल और देश के लोगों की भलाई के लिए प्रार्थना करेंगे। प्रधानमंत्री मोदी के साथ इस दौरान राज्यपाल पी सदाशिवम मौजूद थे। स्वदेश दर्शन योजना के तहत पीएम मोदी ने पद्मनाभस्वामी मंदिर के लिए 90 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट की शुरुआत की।
गौरतलब है कि, कांग्रेस नेता शशि थरूर पीएम मोदी को निशाने पर लेने का कोई मौका नहीं छोड़ते। कई बार तो वह अपने बयानों के कारण मुश्किल में पड़ चुके हैं। बीते साल वह सबसे ज्यादा बिच्छू वाली टिप्पणी के चलते सुर्खियों में छाए रहे थे। शशि थरुर ने बेंगलुरु लिटरेचर फेस्टिवल के दौरान अपनी नई किताब ‘The Paradoxical Prime Minister’ के बारे में बात करते हुए कहा था कि एक बार आरएसएस के एक अज्ञात व्यक्ति ने कमाल की उपमा देते हुए कहा था कि ‘मोदी शिवलिंग पर बैठे बिच्छू की तरह हैं, जिसे आप अपने हाथों से नहीं हटा सकते और ना ही आप उसे चप्पल मारकर हटा सकते हैं।’ हालांकि इसके बाद दिल्ली की एक अदालत में आपराधिक मानहानि का मामला दायर किया गया था।