अंग्रेजी के कई अप्रचलित शब्दों के जरिए सोशल मीडिया में बहस छेड़ने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने शुक्रवार को ट्विटर पर ‘फ्लॉकीनॉकिनीहिलिपिलिफिकेशन’ शब्द का इस्तेमाल किया जिसके उच्चारण एवं अर्थ को लेकर चर्चा होनी लगी। लोकसभा सदस्य थरूर ने तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष केटी रामा राव के साथ दोस्ताना संवाद के दौरान इस शब्द का उपयोग किया। दरअसल, राव का कहना था कि कोरोना वायरस से संक्रमण के उपचार के लिए उपयोग में लाई जा रही दवाओं के नाम बहुत कठिन हैं जिनका उच्चारण आसान नहीं होता है।

नेता ने अपने फॉलोअर्स के साथ हल्के फुल्के अंदाज में मजाक करते हुए COVID-19 दवाओं के जटिल और अक्सर ‘अस्पष्ट’ नामों के पीछे के कारण पर आश्चर्य व्यक्त किया। नामों की एक सूची शेयर करते हुए, उन्होंने ट्विटर पर कहा, “ क्या लगता है किसने दवाओं के इस तरह के नाम रखें होंगे: पॉसकोनाज़ोल, क्रेसेम्बा, टोसिलज़ुमैब, रेमेडिसविर, लिपोसोमल एम्फ़ोटेरेसिन, फ़्लेविपिरवीर, मोलनुपिरवीर, बारिसिटिनिब…।” इसके जवाब में थरूर ने कहा, ‘‘फ्लॉकीनॉकिनीहिलिपिलिफिकेशन।’’ ऑक्सफोर्ड शब्दकोश के मुताबिक, इस शब्द का अर्थ ‘व्यर्थ की चीजों के बारे में विचार करने की आदत’ होता है। उनके इस शब्द का इस्तेमाल करने के बाद कई ट्विटर यूजर्स के बीच बहस छिड़ गई कि इस शब्द का उच्चारण और अर्थ क्या होगा।

जॉर्ज मैथ्यू (@georgejottu) ने ट्वीट किया, ‘यहां तक कि शब्दकोश भी शशि थरूर के आधार पर खुद को नियमित रूप से अपडेट करता है। मुझे आश्चर्य है कि वह इन शब्दों को कैसे याद करते हैं और इसका सटीक उपयोग करते हैं।’ भूषण (@kakollu_bhushan)ने लिखा, ‘मुझे भला इसकी स्पेलिंग भी कैसे याद रहेगी।’ अनु मित्तल (@stylistanu) ने लिखा,’ डिक्शनरी खोलने का टाइम हो गया दोस्तों….।’

मालूम हो कि भारत इस समय कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है। इन दिनों ज्यादातर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर COVID-19 संक्रमण के इलाज के लिए इस्तेमाल की जाने वाली दवाओं के नाम सुनने में आ रहे हैं। इस बीच कई सरकारी अधिकारी, राजनीतिक हस्तियां, गैर-सरकारी संगठन और मशहूर हस्तियां इन दवाओं और अन्य संबद्ध संसाधनों की आवश्यकताओं को बढ़ाने के लिए अपनी सोशल मीडिया पहुंच का उपयोग कर रहे हैं। ऐसी ही एक सार्वजनिक हस्ती हैं तेलंगाना के मंत्री और तेलंगाना राष्ट्र समिति के कार्यकारी अध्यक्ष के टी रामाराव। केटीआर अपने ट्विटर अकाउंट का उपयोग करके जरूरतमंद लोगों के लिए संसाधनों की व्यवस्था कर रहे हैं।