Sharmistha Panoli News: बंगाल पुलिस ने कुछ दिन पहले 22 वर्षीय शर्मिष्ठा पनोली को इसलिए गिरफ्तार किया था क्योंकि उन पर आरोप लगा कि उन्होंने अपने सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए समाज में एक समुदाय के प्रति नफरत पैदा करने की कोशिश की। अब कोर्ट से शर्मिष्ठा पनोली को जमानत मिल गई है, लेकिन उस मुद्दे पर अभी भी राजनीति जारी है। बीजेपी शर्मिष्ठा के खिलाफ लिए गए एक्शन को ममता बनर्जी की मुस्लिम तुष्टिकरण वाली राजनीति से जोड़कर देख रही है।
बीजेपी ने किया शर्मिष्ठा का बचाव
अब जब शर्मिष्ठा को जमानत मिली है, बीजेपी इसे अपनी जीत मानती है। इस समय जिस तरह के बयान भाजपा की तरफ से सामने आ रहे हैं, साफ समझा जा रहा है कि चुनावी मौसम में शर्मिष्ठा का मुद्दा भी भुनाने की कोशिश है। इस विवाद को लेकर शुभेंदू अधिकारी ने जोर देकर कहा कि बंगाल पुलिस ने कभी भी टीएमसी नेता ममता बनर्जी से लेकर महुआ मोइत्रा या फिर फिराद हकीम के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जबकि कई मौका पर उन्होंने हिंदू त्योहारों को लेकर विवादित बयान दिए, पुलिस ने तो उल्टा उस शर्मिष्ठा पनोली को गिरफ्तार किया जिसने अपनी पोस्ट को डिलीट तक कर दिया था और उसके लिए माफी भी मांगी।
केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता सुकांता मजूमदार ने भी इस पूरे मुद्दे को लेकर ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। उन्होंने तो साफ-साफ कहा है कि 30% को हराना है और 30% को हिंदू संस्कृति के बारे में बताना है। बीजेपी के कई दूसरे नेता भी पूरी मजबूती के शर्मिष्ठा पनोली के समर्थन में खड़े हुए हैं। भाजपा विधायक अग्निमित्र पॉल और भाजपा लीगल सेल के मेंबर शकुंत सामंत ने एक पुलिस शिकायत दर्ज की है। उनकी तरफ से वजाहत खान के खिलाफ एक्शन लेने की मांग हुई है। असल में वजाहत खान के कहने पर ही पुलिस ने शर्मिष्ठा पनोली के खिलाफ एक्शन लिया था।
बीजेपी का हिंदू कार्ड
बीजेपी की पूरी कोशिश है कि बंगाल की धरती पर वो अपने हिंदुत्व कार्ड को सही तरीके से भुना सके। इसकी शुरुआत तो उसने काफी पहले ही कर दी थी, बांग्लादेश में जब हिंदुओं के खिलाफ हिंसा शुरू हुई, भाजपा ने उसे बंगाल से भी जोड़ा और वहां पर हिंदू एकता की पैरवी भी की। इसी तरह कुछ दिनों पहले जब मुर्शिदाबाद में भयंकर हिंसा का दौर चला तो प्रदर्शन में तीन लोगों की मौत हुई। भाजपा ने एक बार फिर हिंदुओं को खतरे में बताया है और ममता बनर्जी पर मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति करने का आरोप जड़ दिया।
क्या ममता को डरना चाहिए?
बीजेपी को इस नेगेटिव पर इतना इसलिए खेलना पड़ रहा है क्योंकि जमीन पर अभी भी टीएमसी की जड़े मजबूत हैं। पिछले कई सालों से ममता बनर्जी की सरकार बंगाल में इसलिए बनी हुई है क्योंकि अल्पसंख्यक वोट पूरी तरह उनके साथ है, महिला वोट भी कई सामाजिक योजनाओं की वजह से उनके खाते में जा रहा है। इसके ऊपर टीएमसी ने सफलतापूर्वक बीजेपी को एक बाहरी पार्टी के रूप में स्थापित किया है। इन तीनों ही फैक्टर की वजह से तमाम कोशिशें के बाद भी बंगाल में कमल नहीं खिल पा रहा। लेकिन पहले मुर्शिदाबाद हिंसा और अब शर्मिष्ठा पनोली की गिरफ्तारी ने बीजेपी को एक और बूस्टर दे दिया है। पार्टी की कोशिश है कि इस बार हिंदुओं को एकजुट कर ममता बनर्जी की राजनीति को एक्सपोज किया जाएगा।
Atri Mitra की रिपोर्ट
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