Sharjeel Imam News In Hindi: दिल्ली की एक अदालत ने 2019 में हुई जामिया हिंसा के लिए शरजील इमाम पर आरोप तय कर दिए हैं। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना है कि शरजील का दिया भाषण जहरीला था, नफरत फैलाने वाला था और सबसे बड़ी बात- एक धर्म को दूसरे के खिलाफ खड़ा कर रहा था। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश विशाल सिंह ने तो चक्का जाम की परिभाषा पर भी विस्तार से बात की है, उन्होंने इसे भी पूरी तरह गलत माना है।

कोर्ट ने शरजील पर बड़ी बात बोली

सुनवाई के दौरान कोर्ट ने इस बात को भी स्वीकार किया है कि बड़ी भीड़ का इकट्ठा होना, बड़े पैने पर दंगे होना कोई आकस्मिक घटना नहीं हो सकती, बल्कि यह एक सोची समझी बड़ी साजिश का हिस्सा है। कोर्ट ने तो यहं तक कहा है कि 13 दिसंबर 2019 को शरजील ने भीड़ को उकसाने की पूरी कोशिश की थी। उसने कहा था कि उत्तर भारत के राज्यों में मुसलमानों की बड़ी आबादी के बाद भी शहर समान्य रूप से क्यों चल रहे हैं, अभी तक चक्का जाम क्यों नहीं किया गया।

क्या शरजील ने भड़काने का काम किया?

कोर्ट ने सुनावाई के दौरान शरजील को लेकर कहा है कि उसने चतुराई के साथ अपना भाषण तैयार किया था, उसने सीधे तौर पर तो किसी का जिक्र नहीं किया, लेकिन उसका मकसद चक्का जाम करना था, दूसरे समुदायों को प्रभावित करना था। कोर्ट ने यह भी पूछा है कि आखिर सिर्फ मुस्लिम समुदाय के लोगों को ही क्यों सामान्य कामकाज बाधित करने के लिए कहा गया?

चक्का जाम पर क्या बोला कोर्ट?

कोर्ट ने इस बात पर भी नाराजगी जाहिर की कि चक्का जाम होने से दिल्ली जैसे शहर में हालात खराब हो सकते हैं, एंबुलेंस की सेवाएं प्रभावित होती हैं, इमरजेंसी की दूसरी सर्विस भी ठप पड़ जाती हैं। कोर्ट के मुताबिक ऐसे चक्का जाम को भी गैर-इरादतन हत्या माना जाएगा। कोर्ट ने शरजील पर उकसाना और आपराधिक साजिश रचना, समुदायों के बीच वैमनस्य बढ़ाना, दंगा भड़काना और गैरकानूनी सभा में शामिल हो,ना गैर-इरादतन हत्या का प्रयास जैसे आरोप तय किए हैं। शरजील को लेकर तो सुप्रीम कोर्ट तक मामला जा चुका है, कहीं से कोई राहत नहीं है, जानने के लिए यह खबर पढ़ें