मंगलवार को महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की भविष्यवाणी करने के बाद बुधवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता शरद पवार ने पलटी खाते हुए कहा कि मीडिया ने उनके बयान का गलत अर्थ निकाला। राकांपा की सरकार गिराने में कोई रुचि नहीं है।

दो दिवसीय चिंतन शिविर के आखिरी दिन अपने समापन भाषण में पवार ने कहा कि जिन लोगों ने सत्ता में आने का मौका दिया, सरकार को उन लोगों का हित देखना चाहिए। जनता ने हमें विपक्ष में बैठने का जनादेश दिया है इसलिए हम जन सरोकार के सवालों को प्रभावी तरीके से उठाएंगे। हमने भाजपा की सरकार को बाहर से समर्थन दिया है, यह बात सच है। सरकार गिराने में हमारी कोई रुचि नहीं है। हम सरकार गिराने निकले हैं, यह मीडिया का अनुमान है। मेरे मंगलवार के बयान का मीडिया ने गलत अर्थ निकाला है। हमारा कहना था कि सरकार जनहित के काम नहीं करती है तो किसी दूसरी पार्टी की तरह हमें भी उचित फैसला लेना पड़ेगा। पवार ने कहा कि उनकी पार्टी के 41 विधायक और विधान परिषद में 28-30 सदस्य हैं जिनके दम पर वह जनसमस्याओं को प्रभावशाली ढंग से उठाएंगे।

पवार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कामकाज के तौरतरीकों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि प्रोडक्ट के बारे में तो कहा नहीं जा सकता मगर उनकी मार्केटिंग बढ़िया है। अपनी बात लोगों तक प्रभावशाली तरीके से पहुंचाने वाला मोदी जैसा प्रधानमंत्री उन्होंने अभी तक नहीं देखा है। मगर उनकी मार्केटिंग का सभी पर असर हुआ हो, ऐसा नहीं है। जहां-जहां उन्होंने सभाएं कीं, वहां भाजपा को सौ फीसद नतीजे नहीं मिले। बारामती में मोदी ने पवार की गुलामी से मुक्त होने की अपील की थी लेकिन वहां अजीत पवार के मत बढ़ गए और वह 90 हजार मतों से जीते। तासगाव में आरआर पाटील जो तीन-चार हजार मतों से जीतते थे, मोदी की रैली के बाद 20 हजार मतों से जीते।

नरेंद्र मोदी की जन-धन योजना पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा कि आरटीआइ के माध्यम से यह बात सामने आ चुकी है कि इनमें से 74 फीसद खातों में शून्य रकम है। उन्होंने कहा कि छोटे से छोटे उत्पाद की मार्केटिंग के मामले में मोदी का कोई हाथ नहीं पकड़ सकता। उन्होंने महाराष्ट्र में सूखे की स्थिति पर चिंता जताई और कहा कि आने वाले दिनों में यह समस्या और गंभीर हो जाएगी। पवार ने कहा कि छगन भुजबल जैसे नेताओं का मानना है कि विकास के काम और चुनाव नतीजों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं होता है। इसका मतलब यह नहीं है कि हम विकास के काम न करें।

पवार ने साफतौर पर माना कि उन्होंने शुरुआती दौर में सोशल मीडिया को गंभीरता से नहीं लिया था। उन्होंने राकांपा नेताओं से कहा है कि वे इस माध्यम का प्रभावी ढंग से इस्तेमाल करें। फेसबुक और ट्विटर पर नेताओं को अपने अकाउंट बनाने चाहिए। उन्होंने राकांपा नेताओं से आह्वान किया कि वे सदस्यता अभियान शुरू कर ज्यादा से ज्यादा लोगों को पार्टी से जोड़ें।