Maharashtra Chunav: महाराष्ट्र विधानसभा विधानसभा चुनाव को लेकर सभी 288 सीटों पर वोटिंग में महज 10 दिन ही बचे हैं। MVA और महायुति दोनों ही गठबंधनों ने किसी सीएम फेस का ऐलान नहीं किया है। एमवीए में शामिल शिवसेना यूबीटी के प्रमुख और पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे चाहते थे कि उन्हें एनसीपी और कांग्रेस सीएम के तौर पेश करें लेकिन एमवीए गठबंधन के कथित चाणक्य और एनसीपी (शरद चंद्र) के प्रमुख शरद पवार इसके खिलाफ रहे।

वहीं वोटिंग से कुछ दिन पहले अब शरद पवार ने बता दिया है कि एमवीए की अगर विधानसभा चुनाव में जीत होती है, तो गठबंधन का सीएम कैसे तय किया जाएगा, जो कि उद्धव ठाकरे की टेंशन और प्रेशर दोनों बढ़ाने वाला फॉर्म्यूला है।

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सबसे बड़ी पार्टी का बनेगा मुख्यमंत्री

दरअसल, शरद पवार ने सीएम तय करने को लेकर स्पष्ट किया है कि अगर महा विकास अघाड़ी की जीत होती है, तो नतीजों में जिस पार्टी के पास सबसे ज्यादा सीटें होंगी, उसी पार्टी का मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान शरद पवार ने कहा कि भले ही गठबंधन के अंदर सीएम उम्मीदवार पेश नहीं किया गया है, लेकिन गंठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी का नेता ही मुख्यमंत्री बनने का दावेदार होगा।

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शरद पवार बोले- नहीं है कोई और फॉर्म्यूला

सबसे बड़ी पार्टी बनने और सरकार बनाने को लेकर शरद पवार ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने का कोई और फॉर्म्यूला नहीं है। आम तौर पर सीएम पद को लेकर गठबंधन के अंदर यही समझ है।

शरद पवार ने ही किया था उद्धव ठाकरे का विरोध

शरद पवार ने इस बात पर बल दिया कि किसी भी कीमत पर सत्ता में आना गठबंधन की पहली प्राथमिकता है। मुख्यमंत्री को लेकर तो उचित समय पर निश्चिय ले ही लिया जाएगा। ध्यान देने वाली बात यह भी है कि उद्धव ठाकरे की उम्मीदवारी को लेकर शरद पवार ने विरोध किया था और कांग्रेस भी शरद पवार के समर्थन में ख़ड़ी हो गई थी।

ऐसे में अब उद्धव ठाकरे के लिए सबसे बड़ी टेंशन यह है कि उन्हें सबसे ज्यादा सीटें जीतनी होगी, जबकि ध्यान देने वाली बात यह है कि पहली बार शिवसेना किसी भी विधानसभा चुनाव में सबसे कम सीटों पर गठबंधन के तहत चुनाव लड़ रही है। ऐसे में अगर उद्धव ठाकरे को सीएम बनना है तो फिर उन्हें अपनी पार्ट शिवसेना यूबीटी को सबसे ज्यादा सीटें जितानी होंगी।