एनसीपी में हुई दो फाड़ के बाद शरद पवार और अजित पवार के बीच एक और बड़ी मुलाकात हो गई है। बताया जा रहा है कि पुणे में दोनों के बीच में ये मीटिंग हुई है, क्या चर्चा हुई, अभी तक साफ नहीं, लेकिन अचानक फिर दोनों चाचा-भतीजे का मिलना राजनीतिक गलियारों में अटकलों को जोर दे गया है।

क्या बातचीत हुई?

जानकारी मिली है कि पुणे के बिजनेसमैन अतुल चोरडिया के बंगले पर दोनों नेताओं के बीच ये सीक्रेट मीटिंग हुई। असल में अजित पुणे में ही एक पुल का उद्घाटन करने आए थे, वहीं पर शरद पवार भी किसी दूसरे काम से मौजूद रहे। इसके बाद दोनों ही नेता बिजनेसमैन अतुल चोरडिया के बंगले पर मिले। खबर है कि अजित के साथ उनके गुट के कुछ दूसरे साथी भी मौजूद रहे। क्या चर्चा हुई, स्पष्ट नहीं, लेकिन इसके सियासी मायने बड़े माने जा रहे हैं।

बड़ी बात ये है कि भी इससे पहले भी चाचा-भतीजे के बीच में ऐसे ही मुलाकात हो चुकी है। कई मौकों पर एनसीपी प्रमुख को मनाने की कोशिश देखी गई है। उसी कड़ी में हुई अब ये मुलाकात भी अजित के एक प्रयास के रूप में देखी जा रही है। लेकिन इन प्रयासों के बीच शरद पवार ने अपने सियासी पत्ते अभी तक नहीं खोले हैं। वे भतीजे के साथ चले जाएंगे या फिर अपनी पार्टी के लिए एक नई लड़ाई लड़ेंगे, ये साफ नहीं है।

मनाने की कोशिश क्यों?

यहां ये समझना जरूरी है कि एनसीपी में दो फाड़ करना एक बड़ा कदम था। जिस पार्टी को शरद पवार ने अपने खून और पसीने से सीचा था, एक झटके में अजित ने बड़ा खेल कर दिया। उस खेल की वजह से ही शरद के कई करीबी माने जाने वाले नेता भी अजित के साथ चले गए और फिर शिंदे सरकार में भी मंत्री भी बना दिए गए। दूसरी तरफ शिवसेना की तरह यहां भी चुनाव चिन्ह और पार्टी पर अधिकार को लेकर अलग लड़ाई छिड़ गई। इस बीच अजित का लगातार चाचा शरद पवार को मनाना बता रहा है कि चुनावी मौसम में इंडिया गठबंधन को बड़ा सियासी झटका देने की तैयारी की जा रही है।