पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने सिंधु जल संधि को रद्द कर दिया है। मोदी सरकार के आदेश को लेकर जमीयत उलेमा-ए-हिंद के अध्यक्ष अरशद मदनी ने आपत्ति जताई। मदनी ने कहा कि ये नदियां हजारों साल से बह रही हैं, जिनका पानी रोका जाना देश के लिए ठीक नहीं है। मदनी के बयान पर भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सैयद शाहनवाज हुसैन ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए विरोध जताया है।

शाहनवाज हुसैन ने अरशद मदनी के बयान पर कहा, “मैं मदनी के बयान की निंदा करता हूं। यह बहुत ही आपत्तिजनक बयान है। पाकिस्तान खून-खराबा कर सकता है और हम उनका पानी भी नहीं रोक सकते? यह कैसी सलाह है? वह कह रहे हैं कि युद्ध नहीं होना चाहिए, जमीयत उलेमा-ए-हिंद द्वारा दिए गए बयान से मुस्लिम समुदाय में भी गुस्सा है।” शाहनवाज ने आगे कहा कि मदनी का बयान बहुत ही निंदनीय है। वो पाकिस्तान की तरफदारी कर रहे हैं।

मदनी बोले – नियम प्रेम का होना चाहिए न कि नफरत का

बीते रविवार को अरशद मदनी ने कहा था, “अगर कोई पानी रोकता है तो रोकने दो। ये नदियां हजारों सालों से बह रही हैं, आप उनका पानी कहां ले जाएंगे? यह आसान नहीं है। मुझे लगता है कि नियम प्रेम का होना चाहिए न कि नफरत का। मैं मुसलमान हूं, मैं अपनी जिंदगी यहीं इस देश में बिता रहा हूं और मैं जानता हूं कि यहां जिन चीजों को बढ़ावा दिया जा रहा है, वे देश के लिए ठीक नहीं हैं।”

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दरअसल बीते 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के पहलगाम इलाके में आतंकियों ने 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी। इसके अलावा 20 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। इस घटना के बाद केंद्र सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए आतंक पोषक पाकिस्तान से कई करार खत्म किए थे। जिसमें से मुख्य शिमला समझौता के तहत भारत से पाकिस्तान जाने वाली नदियों के पानी को रोकने का आदेश हुआ। इसके साथ ही भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को उनके वतन लौटने का आदेश जारी किया गया।

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