Protest against CAA, Lucknow : संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिकता पंजी (एनआरसी) के विरोध में पुराने लखनऊ में महिलाओं का प्रदर्शन कड़ाके की ठंड के बावजूद रविवार को तीसरे दिन भी जारी है। खुले आसमान के नीचे पिछले शुक्रवार से बड़ी संख्या में महिलाएं दिल्ली के शाहीन बाग की तर्ज पर पुराने लखनऊ स्थित घंटाघर के सामने प्रदर्शन कर रही हैं। उनके साथ बच्चे भी शामिल हैं।इन महिलाओं का कहना है कि सरकार जब तक सीएए और एनआरसी को वापस नहीं लेती है, तब तक वे धरना समाप्त नहीं करेंगी।

सामाजिक संगठन कर रहे है समर्थन: महिलाओं के धरने को सामाजिक संगठनों और आम नागरिकों का भी समर्थन मिल रहा है। सिख समुदाय के कुछ लोगों ने शनिवार (18 जनवरी) रात धरना स्थल पर पहुंचकर महिलाओं को खाने पीने का सामान दिया। उन्होंने कहा कि सीएए के दायरे से जिस तरह से मुसलमानों को बाहर रखा गया है, वह देश की गंगा जमुनी तहजीब के खिलाफ है, लिहाजा वे धरने पर बैठीं इन महिलाओं का समर्थन करते हैं।

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पुलिस ने रात में महिलाओं के कंबल छीन लिए: हालात के मद्देनजर मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है। महिलाओं ने शनिवार (18 जनवरी) रात पुलिसर्किमयों को गुलाब के फूल भेंट कर अनूठे तरीके से प्रदर्शन किया। इस बीच, धरना दे रही महिलाओं का आरोप है कि पुलिस ने रात में पहुंचकर उनसे कंबल छीन लिए और वह खाने पीने का सामान भी अपने साथ ले गई। इस बारे में पुलिस के अधिकारियों से बात करने की कोशिश की गई लेकिन किसी से संपर्क नहीं हो सका।

मीडिया को नहीं जाने रही पुलिस: मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक धरने पर बैठी महिलाओं की कवरेज करने आए मीडिया कर्मियों को रोक पुलिस उनकी गाडियों का चालान कर रही है। सड़क के पास खड़ी पुलिस मीडिया कर्मियों को घंटाघर के करीब तक भी नहीं जाने दे रही है।