गृह मंत्री अमित शाह ने स्वतंत्रता संग्राम में सावरकर की प्रतिबद्धता पर संदेह करने वाले लोगों को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानी की देशभक्ति और वीरता पर सवाल नहीं उठाया जा सकता। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को कुछ शर्म करनी चाहिए। उधर, महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे ने पलटवार कर कहा कि भाजपा ना ही वीर सावरकर को समझ पाई है और ना ही महात्मा गांधी को

गृह मंत्री ने अंडमान निकोबार स्थित सेलुलर जेल में सावरकर के चित्र पर शुक्रवार को माल्यार्पण किया। उन्होंने कहा कि इस जेल में तेल निकालने के लिए कोल्हू के बैल की तरह पसीना बहाने वाले और आजीवन कारावास की दो सजा पाने वाले व्यक्ति की जिंदगी पर आप कैसे शक कर सकते हैं। इस जेल में भारत के लंबे स्वतंत्रता संग्राम के दौरान सैकड़ों स्वतंत्रता सेनानियों को कैद किया गया था। शाह ने कहा कि सावरकर के पास वह सब कुछ था, जो उन्हें अच्छे जीवन के लिए चाहिए होता। लेकिन उन्होंने कठिन रास्ता चुना। ऐसा रास्ता जो मातृभूमि के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

शाह ने कहा कि इस जेल से बड़ा तीर्थ कोई नहीं हो सकता। यहां सावरकर ने 10 साल तक अमानवीय यातना सहन की, लेकिन अपना साहस, अपनी बहादुरी नहीं खोई। उन्होंने कहा कि सावरकर को किसी सरकार ने नहीं बल्कि देश के लोगों ने उनकी अदम्य भावना और साहस के समर्थन में वीर नाम दिया। उन्होंने कहा कि भारत के 130 करोड़ लोगों द्वारा उन्हें प्यार से दी गई यह उपाधि छीनी नहीं जा सकती। शाह ने स्वतंत्रता संग्राम के शहीदों के स्मारक पर माल्यार्पण भी किया।

उधर, उद्धव ठाकरे ने शिवसेना की वार्षिक दशहरा रैली के दौरान कहा कि भाजपा ना ही वीर सावरकर को समझ पाई है और ना ही महात्मा गांधी को। देगलूर उपचुनाव में भाजपा द्वारा शिवसेना के पूर्व नेता को मैदान में उतारने को लेकर उद्धव ठाकरे ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े राजनीतिक दल को विधानसभा उपचुनाव तक के लिए उम्मीदवार का आयात करना पड़ा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने गठबंधन समाप्त होने के बाद शिवसेना को भ्रष्ट करार देने को लेकर भाजपा की आलोचना की और सरकार गिराने की चुनौती दी।

शाह की यह टिप्पणी रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के हाल में दिए उस बयान के बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि सावरकर ने महात्मा गांधी की सलाह पर अंग्रेजों के समक्ष दया याचिका दाखिल की थी। राजनाथ सिंह ने हाल में सावरकर के आलोचकों पर निशाना साधते हुए कहा था कि दया याचिकाओं पर स्वतंत्रता सेनानी को बदनाम किया जा रहा है। इसके बाद एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया था।