गुजरात में मेहसाणा नगरपालिका अध्यक्ष सहित सात पार्षद सोमवार (26 अगस्त, 2019) को भाजपा में शामिल हो गए। इसे भगवा पार्टी को कांग्रेस से अपने गढ़ को दोबारा प्राप्त करने के रूप में देखा जा सकता है। उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल की मौजूदगी में सोमवार को छह पार्षदों के साथ नगर पालिका के अध्यक्ष घनश्याम सोलंकी भाजपा में शामिल हो गए। इस बदलाव के साथ ही अब भाजपा और कांग्रेस के मेहसाणा नगर निगम में 22-22 सीट हो गईं।
प्रदेश के उंझा से पूर्व भाजपा विधायक नारायण पटेल ने इंडियन एक्सप्रेस के कहा, ‘लोग खुद-ब-खुद भाजपा में शामिल हो जाते हैं। फिर चाहे वो बार एसोसिएशन के सदस्य हों, संत हों या कलाकार हों। हर कोई अपनी सीट बचाना चाहता है, जबकि कुछ लोग विचारधारा पर भाजपा में शामिल होते हैं जबकि अन्य अपने स्वार्थ के लिए ऐसा करते हैं। वे सोच रहे होंगे कि अब भाजपा में शामिल होना बेहतर है और अगले दो-ढाई साल बिना किसी कठिनाई के गुजारने हैं।’
साल 2015 में पाटीदार आंदोलन के बाद कांग्रेस ने मेहसाणा निकाय चुनाव में 29 सीटें जीतीं थीं। इस क्षेत्र में पाटीदारों की अच्छी पकड़ मानी जाती है। हालांकि फरवरी 2019 के बाद क्षेत्र में उस वक्त दरार पैदा होने लगी जब उंझा से विधायक आशा पटेल ने लोकसभा चुनाव से ठीक पहले कांग्रेस छोड़ दी और भाजपा में शामिल हो गईं। नारायण पटेल ने यह भी कहा कि पाटीदार आंदोलन के चलते कांग्रेस मेहसाणा में काफी सीटें जीतने में कामयाब रही। उन्होंने कहा, ‘आरक्षण से जुड़े आंदोलन के कारण, ऐसे लोग जिन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में कोई चुनाव नहीं लड़का…सीट जीत गए।’ हालांकि कांग्रेस अब धीरे-धीरे मेहसाणा से अपनी जमीन खोती जा रही है क्योंकि वहां भाजपा के लिए कोई प्रतिस्पर्धा नहीं है।
पटेल के मुताबिक, ‘भगवा पार्टी अब एक तेज धारा की तरह है और कोई फर्क नहीं पड़ता कि तैराक कितना कुशल है, वह लंबे समय तक धारा के खिलाफ तैर नहीं सकता। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधान निरस्त कर युवाओं का समर्थन प्राप्त किया और मेरा मानना है कि कांग्रेस को अब इससे उबरने में कई साल लग जाएंगे।’
गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रवक्ता मनीष दोषी ने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अनैतिक साधनों के माध्यम से कांग्रेस नेताओं को लुभाने के लिए भाजपा पर गंदी रणनीति चलाने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘कांग्रेस जबसे निकाय चुनाव जीती है। भाजपा ने सुनिश्चित किया कि हमारे निर्वाचित सदस्य काम करने में सक्षम नहीं है। एक तरफ, भाजपा लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित संस्थानों को काम करने की अनुमति नहीं देती है और दूसरी तरफ हमारे चुने हुए सदस्यों पर दबाव डालने के लिए गंदी रणनीति का उपयोग करती है। वो हमारे सदस्यों को खरीदने की कोशिश करते रहे हैं और इस बार वो इसमें कामयाब भी हुए हैं। मेहसाणा के लोगों ने कांग्रेस को वोट दिया और यह धोखा है…ना सिर्फ कांग्रेस के साथ बल्कि जनता के साथ भी।’
वहीं मेहसाणा नगर पालिका के अध्यक्ष घनश्याम सोलंकी ने कहा आंतरिक उथल-पुथल की वजह से वह कांग्रेस से नाराज थे। उन्होंने कहा, ‘मैं 30 सालों तक कांग्रेस का कार्यकर्ता और बीस सालों तक पार्षद रहा हूं। मुझे पता है कि पिछली बार अध्यक्ष के रूप में चुना जाना मेरे लिए कितना मुश्किल था। पार्टी में कोई आदेश देने वाला नहीं है। मैं भाजपा में शामिल हो गया क्योंकि यह एक अनुशासित पार्टी है।’
