जीआरपी और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने शुक्रवार को अगरतला रेलवे स्टेशन पर सात बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया है। यह गिरफ्तारी दो अलग-अलग मामलों में हुई है। शुक्रवार सुबह अवैध रूप से राज्य में प्रवेश करने के आरोप में चार बांग्लादेशी नागरिकों और दो बांग्लादेशी दलालों को गिरफ्तार किया गया था। जिसके बाद शाम को एक और बांग्लादेशी नागरिक को पकड़ा गया।
अगरतला राजकीय रेलवे पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी तपस दास ने कहा, “दोनों घटनाओं में यहां मामले दर्ज किए गए थे। सुबह जिन लोगों को गिरफ्तार किया गया था, उन्हें हमने अदालत में पेश किया। उनमें से एक को हमने रिमांड पर लिया है।”
क्या आरोप लगे हैं?
अगरतला राजकीय रेलवे पुलिस स्टेशन के प्रभारी अधिकारी तपस दास ने कहा कि बांग्लादेशी नागरिक बिना किसी कानूनी दस्तावेज के भारत में घुसे थे और उन पर विदेशी अधिनियम, पासपोर्ट अधिनियम और भारतीय न्याय संहिता की कई धाराओं के तहत आरोप लगाए गए हैं। अधिकारी ने कहा कि जो लोग पैसे के बदले बांग्लादेशी नागरिकों को अवैध रूप से सीमा पार करने में मदद कर रहे हैं, हम उनकी पहचान करेंगे और उन्हें गिरफ्तार करेंगे।
जीआरपी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले पांच महीनों में अगरतला रेलवे स्टेशन पर 87 बांग्लादेशियों सहित लगभग 100 विदेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। त्रिपुरा बांग्लादेश के साथ 856 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करता है। सीमा के अधिकांश हिस्सों को कांटेदार तार की बाड़ से ढक दिया गया है, लेकिन कुछ हिस्सों में अभी भी बाड़ लगाई जानी बाकी है।
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ऐसे मामलों के लिए दिल्ली पुलिस ने भी 11 दिसंबर को अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों की पहचान के लिए अभियान शुरू किया था, जिसके एक दिन बाद एलजी सचिवालय ने दिल्ली में रहने वाले ऐसे लोगों पर कार्रवाई करने का आदेश दिया था। शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद से इस तरह के मामले बढ़ गए हैं।