दुनियाभर में कोरोनावायरस वैक्सीन पाने की जद्दोजहद तेज होती जा रही है। अमेरिका और ब्रिटेन के अलावा कुछ अन्य देशों में Pfizer वैक्सीन को मंजूरी मिलने के बावजूद टीके की आपूर्ति काफी मुश्किल और धीमी साबित हो रही है। इस बीच अब सभी देशों की नजर भारत की मजबूत वैक्सीन सप्लाई चेन पर है। यहां भी तीन कंपनियों ने कोरोना वैक्सीन की आपात मंजूरी के लिए आवेदन किया था। पिछली बैठक में एक्सपर्ट कमेटी ने वैक्सीन निर्माताओं से टीके के अंतिम स्टेज का डेटा देने की मांग की थी। ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रा जेनेका की वैक्सीन तैयार कर रहे सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने इसमें तेजी दिखाते हुए आपात मंजूरी के लिए नए डेटा के साथ आवेदन कर दिया है।

सरकारी सूत्रों के मुताबिक, सीरम इंस्टीट्यूट ञफ इंडिया ने वैक्सीन से जुड़ा अतिरिक्त डेटा भी भेजा है। फिलहाल नियामक दफ्तर दस्तावेजों की आंतरिक स्तर पर जांच कर रहा है। इसके बाद ही यह डेटा एक्सपर्ट कमेटी के पास आपात मंजूरी के लिए पेश किया जाएगा। बता दें कि मीडिया में कुछ दिनों से खबर चल रही हैं कि ब्रिटेन में वैक्सीन की नियामक संस्था 28 या 29 दिसंबर को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्रा जेनेका की वैक्सीन को मंजूरी दे सकती है।

बता दें कि भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ने पहली बार 10 दिसंबर को आपात मंजूरी के लिए आवेदन किया था। हालांकि, तब ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) ने कंपनी से दूसरे और तीसरे स्टेज के डेटा को देने के लिए कहा था। मंगलवार को वैक्सीन पर साप्ताहिक ब्रीफिंग के दौरान डॉक्टर वीके पॉल ने SII का नाम लिए बिना कहा कि वैक्सीन्स का अतिरिक्त डेटा मिलने के साथ ही इनकी जांच की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। जिन तीन कंपनियों ने आपात मंजूरी के लिए आवेदन किया था, उनमें सिर्फ फाइजर ने अब तक डेटा नहीं दिया है। बाकी दोनों कंपनियों ने अग्रिम स्टेज का डेटा दिया है और नियामक ने कुछ और जानकारी भी मांगी थी। यह आम प्रक्रिया है।

वैक्सीन को मंजूरी देने वाली एक्सपर्ट कमेटी में शामिल नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर पॉल ने बताया कि किसी भी वैक्सीन के इस्तेमाल की आपात मंजूरी पूरी तरह वैज्ञानिक नियमों पर आधारित होगी। गौरतलब है कि इसी सिलसिले में कमेटी ने सीरम इंस्टीट्यूट से ब्रिटेन और अन्य देशों में किए गए परीक्षण के दूसरे और तीसरे फेज का डेटा मांगा था।