मध्य प्रदेश की सियासत में गहरा असर रखने वाले आध्यात्मिक गुरु भय्यू जी महाराज ने कथित तौर पर आत्‍महत्‍या कर ली है। भय्यू जी में आस्था रखने वालों के लिए उनका जाना किसी आघात से कम नहीं है। किसी जमाने में मॉ​डलिंग करने वाले भय्यू जी इंदौर के बेहद समृद्ध जमींदार परिवार से ताल्लुक रखते थे। उस वक्त उनका नाम उदय सिंह देशमुख हुआ करता था। लेकिन बाद में जब उनका झुकाव आध्यात्म की तरफ होने लगा तो उन्हें सिर्फ भय्यू जी के नाम से ही जाना जाने लगा।

भय्यू जी महाराज को हमेशा सफेद कपड़ों में ही देखा गया। उनकी शाही जीवनशैली किसी रजवाड़े के राजकुमार को भी ललचा सकती थी। वह हमेशा ही अपनी सफेद मर्सिडीज से ही सफर किया करते थे। उनकी मर्सिडीज के साथ हमेशा कम से कम 100 से ज्यादा श्रद्धालु भी एसयूवी से सफर करते थे। उनके भक्तों की फेहरिस्त में आम आदमी से लेकर राजनेता तक हैं। चुनावों से पहले शायद ही किसी पार्टी का नेता उनके पास आशीर्वाद लेने न आता हो। भय्यू जी के समर्थन का प्रभाव मध्य प्रदेश की 20—25 विधानसभा सीटों पर था। उनके प्रभाव क्षेत्र में इंदौर, उज्जैन समेत मालवा और ग्वालियर चंबल संभाग के अलावा रीवा, सीधी और सतना के इलाके भी आते थे।

Bhaiyyu Maharaj Suicide Indore Latest News: भय्यू जी के भक्‍तों में संघ प्रमुख मोहन भागवत भी शामिल हैं।

29 अप्रैल 1968 को मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के शुजालपुर में भय्यू जी का जन्म हुआ था। उनके भक्तों का मानना था कि उन्हें भगवान दत्तात्रेय की कृपा हासिल हुई है। महाराष्ट्र में भी उनके भक्तों की तादाद कम नहीं ​​थी। उन्हें महाराष्ट्र सरकार ने राष्ट्र संत का दर्जा दे रखा था। उनकी सूर्य उपासना भी बेहद मशहूर थी। वह घंटों जलसमाधि में लीन रह सकते थे। उनके ससुर महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्व. विलासराव देशमुख के परिवार से उनके घनिष्ठ संबंध थे। उनके भक्तों की फे​हरिस्त में संघ प्रमुख मोहन भागवत और ​नितिन गडकरी भी शामिल थे। उन्हें महाराष्ट्र की सियासत का संकटमोचक भी कहा जाता था।