पाकिस्तान से भारत आई सीमा हैदर को लेकर जारी बवाल खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। इस समय यूपी एटीएस की तरफ से सीमा से पूछताछ की जा रही है। बुधवार को भी कई घंटे तक लगातार सीमा से सवाल-जवाब किए गए। कई ऐसे भी सवाल रहे, जिस पर सीमा के जवाब ने एजेंसियों के मन में शक पैदा कर दिया। अभी के लिए ना सीमा को कोई पाकिस्तानी एजेंट बता रहा है और ना ही उसे निर्दोष बताने की कोशिश हो रही है। सिर्फ जांच करने पर जोर दिया जा रहा है।
इसी कड़ी में जानकारी मिली है कि जांच एजेंसी को सीमा हैदर के पास से पांच पाकिस्तानी पासपोर्ट बरामद हुए हैं। बड़ी बात ये है कि उसमें एक पासपोर्ट ऐसा भी है जिसमें पता ठीक तरह से नहीं दिख रहा है। अब एक महिला के पास इतने पासपोर्ट कैसे आ गए, वो भी तब जब सीमा खुद को ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं बताती है। अभी इस एंगल पर जांच की जा रही है। इसके अलावा पता चला है कि सीमा हैदर की बातचीत सिर्फ सचिन मीना के साथ नहीं चल रही थी। उसकी तरफ से भारतीय सेना के कुछ जवनों को भी फ्रेंड रिक्वेस्ट भेज दी गई थी। अभी तक इस खुलासे की पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन इस दिशा में भी जांच जारी है।
उत्तर प्रदेश डीजीपी कार्यलय ने एक जारी बयान में कहा है कि सीमा हैदर के पास से दो वीडियो कैसेट, 4 मोबाइल फोन, 5 पाकिस्तानी अधिकृत पासपोर्ट और एक बिना नाम वाला पासपोर्ट बरामद हुआ है, जांच की जा रही है। सीमा हैदर द्वारा अपने चार बच्चों के साथ भारत में घुसने पर पुलिस द्वारा कार्रवाई की जा रही है। डीजीपी कार्यलय ने बताया है कि किस तरह से सीमा ने पाकिस्तान से दुबई, दुबई से नेपाल और फिर नेपाल से भारत तक का रास्ता तय किया।
अब यूपी पुलिस ने अपनी तरफ से ये भी बताया है कि सीमा का पति गुलाम हैदर उसे दुबई से हर महीने 80 हजार के करीब भेजता था। इसके अलावा एक-एक लाख रुपये की दो कमेटी भी सीमा ने डाल रखी थी। ऐसे में जिस समय उसने पाकिस्तान से भारत आने का फैसला किया, उसके पास इतने पैसे थे कि वो अपने बच्चों को पाल सके, होटल में रूम ले सके।
वैसे अभी के लिए यूपी पुलिस की जांच से ऐसा कुछ नहीं मिला है जिससे सीमा हैदर को पाकिस्तानी जासूस बता दिया जाए। कुछ संदिग्ध वस्तुएं जरूर बरामद की गई हैं, यहां तक पता चला है कि मोबाइल के डेटा को डिलीट किया गया है, लेकिन अभी के लिए सीमा को जासूस नहीं बताया जा रहा है। वहीं उसे पाकिस्तान भेजने के सवाल पर भी स्पष्ट रूप से कुछ नहीं कहा जा रहा है। बस इतना कहा गया है कि गृह विभाग द्वारा ही इस पर कोई फैसला लिया जाएगा।