जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी में एक प्रोफेसर ने दलित और मुस्लिम शिक्षकों को कैंपस में देश विरोधी करार देकर विवाद खड़ा कर दिया है। प्रोफेसर ने यह बात एक वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कही। इस मामले पर संज्ञान में लेते हुए नेशनल कमीशन फॉर शिड्यूल्ड कास्ट्स ने जेएनयू के वीसी और दिल्ली पुलिस कमिश्नर को नोटिस भेजा है। इसमें कहा गया है कि वे पांच दिनों के अंदर इस मामले के बारे में रिपोर्ट सौंपें। NCSC के चेयरमैन पीएल पुनिया ने कहा कि यह मामला गंभीर है और प्रोफेसर के खिलाफ एफआईआर दर्ज होनी चाहिए। पुलिस अपनी जांच के बारे में हमें जानकारी देगी।
यह पूछे जाने पर कि जेएनयू में कितने शिक्षक और छात्र देश विरोधी हैं। इस पर प्रोफेसर ने कहा कि देश विरोधी शिक्षक तो करीब 10 हैं, लेकिन वह ऐसा दिखावा कर रहे हैं, मानों सभी शिक्षक उनके साथ हों। वे दलित और मुस्लिम शिक्षक हैं और उनकी अपनी शिकायतें हैं। प्रोफेसर ने कहा कि फैकल्टी मेंबर जेएनयू में देश विरोधी गतिविधियों के बारे में बात करते हैं। वे स्टूडेंट यूनियन के अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य छात्र उमर खालिद की पारिवारिक पृष्ठभूमि की बात करते हैं।