अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच कर रही सेबी (सिक्योरिटिज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया) ने सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की कोर्ट में एक और हलफनामा दाखिल करके उन कारणों को गिनाया है जिसकी वजह से जांच का समय कम से कम छह माह और बढ़ाने की जरूरत है। अमेरिकी फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद से सेबी ग्रुप के खिलाफ जांच कर रही है। सुप्रीम कोर्ट ने सेबी को जांच के लिए दो माह का वक्त दिया था। 2 मई को मियाद पूरी हुई तो सेबी ने छह माह का एक्सटेंशन देने की अपील सीजेआई से की थी। लेकिन उन्होंने तीन माह का अतिरिक्त समय दिया।
सेबी ने अपने हलफनामे में कहा कि अडानी ग्रुप काफी फैला हुआ है। उसे जांच करने के लिए अपने देश के साथ दूसरे देशों में भी संपर्क साधना पड़ रहा है। सही जांच रिपोर्ट न केवल निवेशकों के हित में है बल्कि सेबी के लिए भी ये काफी अहम है कि वो जांच मुकम्मल करके सुप्रीम कोर्ट के पास सारा सच बयान करे। सेबी का कहना है कि तीन महीने का समय कम होगा। लिहाजा उसे कम से कम छह माह का एक्सटेंशम मिलना चाहिए।
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद 2 मार्च को बनाई गई थी एक्सपर्ट कमेटी
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आने के बाद 2 मार्च 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने एक पैनल का गठन किया था। अपने एक्स जस्टिस एमएम सप्रे को इस पैनल की कमान सौंपी थी। टीम में सेबी के पूर्व चेयरमैन ओपी भट्ट, सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस जेपी देवधर, केवी कामत, नंदन नीलेकेणी के साथ सोमशेखरन सुदर्शन को शामिल किया गया था। टीम को जांच के लिए दो माह का वक्त दिया गया था। रिपोर्ट सीलबंद लिफाफे में सबमिट होनी है।
सेबी को भी स्वतंत्र जांच करने के लिए सीजेआई चंद्रचूड़ ने दी थी मंजूरी
सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच ने उस दौरान ये भी कहा था कि पैनल के साथ सेबी भी स्वतंत्र रूप से जांच करे। सेबी को भी दो माह का वक्त दिया गया था। मियाद खत्म होने पर 2 मई को सुप्रीम कोर्ट में फिर से सुनवाई हुई तो सेबी की तरफ से पेश सॉलीसिटर जनरल तुषार मेहता ने छह माह के एक्सटेंशन की मांग की। लेकिन सीजेआई ने उनकी मांग को सिरे से ठुकरा दिया। उनकी लगातार दलीलों को सुनने के बाद सीजेआई ने तीन महीने का एक्सटेंशन सीजेआई को दिया। हालांकि मेहता फिर भी जांच का समय बढ़वाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में दरखास्त करते रहे।
सेबी ने मांगा था छह महीने का एक्सटेंशन, सीजेआई ने दिया केवल तीन माह का
उनकी लगातार दलीलों को सुनने के बाद सीजेआई ने आज का दिन तय किया था। बेंच का कहना था कि वो जस्टिस सप्रे की अगुवाई में बनी एक्सपर्ट कमेटी की रिपोर्ट देखने के बाद ही सेबी को एक्सटेंशन देने के मसले पर कुछ कह सकेगी। सेबी ने अपने हलफनामे में दूसरे पक्ष के एडवोकेट प्रशांत भूषण की उस बात को खारिज किया जिसमें कहा गया था कि सेबी 2016 से अडानी ग्रुप के खिलाफ जांच कर रही है। सेबी का कहना है कि ये बात सरासर गलत है। उसने अडानी ग्रुप के खिलाफ पहले से कोई जांच शुरू नहीं की थी। वो सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही अपनी जांच कर रही है।
