पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के गजोल में एक माध्यमिक स्कूल से मंगलवार की सुबह तीन सीलबंद मतपेटियां बरामद की गईं। इनकी गणना नहीं हुई है। हाल में संपन्न पंचायत चुनावों के लिए मतगणना केंद्र में तब्दील किए गए इस स्कूल की एक कक्षा में ये मतपेटियां रखी थीं। कांग्रेस और माकपा ने मतपेटियां मिलने के मामले में ममता बनर्जी की सरकार पर तीखा हमला बोला है। दोनों पंचायत चुनाव को एक मजाक बता रहे हैं।
कांग्रेस नेता प्रदीप भट्टाचार्य ने मतपेटियों की बरामदगी पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि इससे केवल यह साबित होता है कि पंचायत चुनाव लोकतंत्र के नाम पर एक तमाशा था। उन्होंने कहा कि सीलबंद मतपेटियों को निर्वाचन अधिकारी की निगरानी में होना चाहिए था। भट्टाचार्य ने कहा कि वो संबंधित अधिकारी के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग करते हैं, क्योंकि उन तीन मतपेटियों में वोटों की गिनती किए बिना ही नतीजे घोषित कर दिए गए हैं।
कांग्रेस और माकपा हुए तृणमूल सरकार पर हमलावर
माकपा नेता तन्मय भट्टाचार्य ने कहा कि पंचायत चुनाव एक दिखावा था। उन्होंने कहा कि यह ग्रामीण इलाकों में सत्ता हासिल करने के लिए सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की हताशा को दर्शाता है। उनका कहना है कि टीएमसी ने भारी गड़बड़ी कर इन चुनावों में जीत हासिल की।
आठ जुलाई को हुए पंचायत चुनाव में तृणमूल कांग्रेस ने भारी जीत हासिल की। इसने सभी 20 जिला परिषदों में 880 सीटें जीतीं हैं। भाजपा ने 928 में से 31 सीटें जीती हैं। कांग्रेस-वाम मोर्चा गठबंधन ने 15 सीटें हासिल कीं जबकि अन्य ने शेष दो सीटें जीतीं।
पंचायत समिति की टीएमसी ने 6450 सीटें जीती। बीजेपी ने 1 हजार, कांग्रेस ने 180 और माकपा ने 260 सीटें जीतीं। ग्राम पंचायत की 35 हजार से ज्यादा सीटों पर टीएमसी ने कब्जा जमाया। बीजेपी ने तकरीबन 1 हजार और लेफ्ट-कांग्रेस ने 6 हजार सीटों पर जीत हासिल की।
पंचायत चुनावों से पहले कलकत्ता हाईकोर्ट भी काफी सक्रिय रहा। चुनावों को लेकर जो भी याचिकाएं दायर हुईं उनका हाईकोर्ट ने संज्ञान लेकर तुरंत एक्शन लिया। लेकिन उसका कितना असर हुआ, इसका अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि चुनाव खत्म होने के बाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने निराशा जताते हुए कहा कि हमने राज्य चुनाव आयुक्त के लिए कई आदेश जारी किए लेकिन उन पर अमल ही नहीं किया गया।
