शनिवार को उत्तरप्रदेश के गोरखपुर में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के चुनाव के नामांकन के दौरान भाजपा और सपा कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए। दोनों के बीच जमकर लात घूंसे चले। भाजपा कार्यकर्ताओं ने इस दौरान सपा के एक कार्यकर्ता की जमकर पिटाई कर दी। दोनों दलों के बीच हुए बवाल के कारण सपा के प्रत्याशी नामांकन नहीं कर पाए। जिसके कारण भाजपा प्रत्याशी की जीत तय मानी जा रही है।

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार गोरखपुर के कलेक्टर कार्यालय के पास दोनों दलों के कार्यकर्ताओं के बीच जमकर झड़प हुई। झड़प के दौरान दोनों दलों के नेताओं के बीच भयंकर मारपीट हुई। भाजपा कार्यकर्ता नामांकन कराने जा रहे सपा प्रत्याशी को भी रोकने लगे। इस दौरान भाजपा कार्यकर्ताओं ने सपा के पूर्व जिला पंचायत सदस्य की भी पिटाई कर दी। 

हंगामे की वजह से सपा प्रत्याशी जितेन्द्र यादव अपना नामांकन भी नहीं करा सके। सपा प्रत्याशी ने आरोप लगाया कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने कलेक्टर कार्यालय का मुख्य गेट ही बंद कर दिया जिसकी वजह से वह नामांकन नहीं दर्ज करा सके। नामांकन नहीं दर्ज कराने पर भाजपा प्रत्याशी साधना सिंह की जीत तय मानी जा रही है। गोरखपुर में हुई मारपीट की घटना को लेकर उत्तरप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला।

 

सपा नेता अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा कि गोरखपुर व अन्य जगह जिस तरह भाजपा सरकार ने पंचायत अध्यक्ष के चुनाव में समाजवादी पार्टी के प्रत्याशियों को नामांकन करने से रोका है, वो हारी हुई भाजपा का चुनाव जीतने का नया प्रशासनिक हथकंडा है। भाजपा जितने पंचायत अध्यक्ष बनायेगी, जनता विधानसभा में उन्हें उतनी सीट भी नहीं देगी। 

 

गोरखपुर के अलावा कई दूसरे जिलों में भी जिला पंचायत अध्यक्ष पद के नामांकन के दौरान हिंसा और मारपीट की घटनाएं हुई। उतरप्रदेश के बागपत में भी रालोद प्रत्याशी ने स्थानीय भाजपा सांसद पर अपहरण कर पार्टी में शामिल कराने का आरोप लगाया। देवरिया में जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए कलेक्ट्रेट में नामांकन के दौरान अंदर जाने को लेकर सपा कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर झड़प हुई। कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही के कलेक्ट्रेट में जाने को लेकर सपा कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की। जिसके बाद पुलिस से सपा कार्यकर्ताओं की झड़प हो गई। बाद में एसपी के दखल करने पर हंगामा शांत हुआ।