गीतकार और पटकथा लेखक जावेद अख्तर की राय है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘फासीवादी’ हैं। गुरुवार (13, फरवरी, 2020) को अंग्रेजी न्यूज चैनल अल-जजीरा को दिए साक्षात्कार में उन्होंने यह बात कही। उस वक्त उनके साथ मशहूर निर्देशक महेश भट्ट भी मौजूद थे। अख्तर ने कहा कि फासीवादी एक सोच है। दरअसल साक्षात्कार में गीतकार अख्तर से पूछा गया कि क्या वो मोदी को फासीवादी समझते हैं। इसके जवाब में उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल… वो हैं… मेरा मतलब है कि फासीवादियों के सिर पर सींग थोड़े ना होते हैं। फासीवादी एक सोच है… और यह सोचना कि ‘हम दूसरे से बेहतर हैं और जो भी समस्याएं हैं, वो इन्हीं लोगों की वजह से हैं।’
उन्होंने आगे कहा कि जिस वक्त आप थोक में लोगों से नफरत करने लगते हैं… आप एक फासीवादी हैं।’ इसी साक्षात्कार में महेश भट्ट से पूछा गया कि क्या भारत इस्लामोफोबिक है? इसके जवाब में उन्होंने कहा कि ‘मुझे लगता है कि इस्लामोफोबिया की हवाएं 9/11 के बाद आईं। मुझे नहीं लगता कि औसत भारतीय किसी मुसलमान से डरता है।’
भट्ट ने आगे कहा, ‘मेरा मतलब है, इस तरह के डर को गढ़ा गया और संरचित किया गया है। दिन रात मीडिया चैनल चौबीसों घंटे ये काम कर रहे हैं। महेश भट्ट ने कहा कि उन्हें सत्ता में रहने के लिए ‘दूसरों’ की जरुरत है और मुसलमानों से नफरत करना भाजपा की लाइफलाइन है।’
बता दें कि जावेद अख्तर संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) पर के मुखर विरोधी रहे हैं। हाल के दिनों में उन्होंने मोदी सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि इस देश में करोड़ों हिंदुस्तानियों को अपना बर्थडे नहीं मालूम ऐसे में वह अपनी नागरिकता कैसे साबित करेंगे। उन्होंने कहा कि देश का गरीब मुसलमान, गरीब हिंदू, दलित और आदिवासी अपनी नगारिकता कहां से साबित करेंगे।
एक न्यूज चैनल से बातचीत में उन्होंने कहा था, ‘हिंदुस्तान के करोड़ों लोग ऐसे हैं जो अपना बर्थ सर्टिफिकेट तो क्या अपना बर्थडे तक नहीं जानते। देश का गरीब मुसलमान, गरीब हिंदू, दलित और आदिवासी कहां से अपनी नागरिकता साबित करेंगे। इनकी 10 पीढ़ियों ने कोई प्रॉपर्टी तक नहीं ली होगी। गरीब लोगों के पास दो कपड़े रखने की जगह नहीं वे अपने दस्तावेज कहां संभालेंगे।’