सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण के मामले में एक बार फिर सुनवाई की। सुप्रीम कोर्ट ने नर्सरी से कक्षा पांच तक के छात्रों के लिए स्कूल बंद करने के दिल्ली सरकार के निर्देश में दखल देने से इनकार किया है।

अदालत ने कहा है कि दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की समस्या का हमें व्यावहारिक और कारगर हल खोजना होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की है कि अधिकारियों के द्वारा दिल्ली-एनसीआर में प्रदूषण को रोकने के लिए उठाए गए कदम पूरी तरह फेल साबित हुए हैं। चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि प्रदूषण में वाकई कमी लाने के लिए व्यापक और बड़ी योजना पर काम करना होगा। 

सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि दिल्ली सरकार ऐसे वाहन चालकों के खिलाफ एक्शन ले सकती है जो एनसीआर में BS IV (Bharat Stage 4) से नीचे के मानकों वाले वाहनों का इस्तेमाल कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने इस साल अगस्त में दिए गए अपने आदेश में भी संशोधन किया। 

सुप्रीम कोर्ट ने अपने पुराने आदेश में कहा था कि अधिकारी केवल BS III (Bharat Stage 3) स्टैंडर्ड से नीचे के वाहनों पर ही कार्रवाई कर सकते हैं।

अदालत ने दिल्ली सरकार को प्रतिबंधों के कारण खाली बैठे मजदूरों का वेरिफिकेशन करने और उनके अकाउंट्स में पैसे ट्रांसफर करने का निर्देश दिया। अदालत ने मजदूरों को कोई और काम देने पर विचार करने का भी निर्देश दिया।

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दिल्ली सरकार ने अदालत को बताया कि 2.5 लाख निर्माण श्रमिकों में से 7,000 का वेरिफिकेशन हो चुका है और पैसे उनके अकाउंट्स में ट्रांसफर कर दिए जाएंगे। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ऐसा नहीं होना चाहिए कि मजदूरों के अकाउंट्स में ट्रांसफर किया गया पैसा ‘गायब’ होकर किसी दूसरे के अकाउंट्स में चला जाए।

सुप्रीम कोर्ट ने एमसीडी से कहा है कि वह अपने नौ टोल प्लाजा को अस्थायी तौर पर बंद करने के मामले में एक हफ्ते के भीतर फैसला ले।

रेखा गुप्ता सरकार पर हमलावर हुआ विपक्ष

वायु प्रदूषण के मामले में दिल्ली में सरकार चला रही बीजेपी और विपक्षी दल आम आदमी पार्टी और कांग्रेस आमने-सामने हैं। लगातार बिगड़ रहे हालात के बीच मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता की सरकार ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया है। दिल्ली सरकार के पर्यावरण मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि 18 दिसंबर से पेट्रोल पंपों पर उन वाहनों को पेट्रोल नहीं मिलेगा जिनके पास वैध पॉल्यूशन अंडर कंट्रोल सर्टिफिकेट (पीयूसीसी) नहीं होगा। 

सिरसा ने कहा है कि इसके लिए कैमरों के जरिए निगरानी की जाएगी। इसके अलावा दूसरे राज्यों में रजिस्टर किए गए बीएस-VI उत्सर्जन मानकों से नीचे के प्राइवेट वाहनों को दिल्ली में आने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

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