NCP Vs NCP: आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर पार्टी के नाम और चुनाव चिह्न को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के शरद पवार गुट और अजित पवार गुट के बीच चल रही कानूनी लड़ाई पर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को अहम निर्देश जारी किए। कोर्ट ने अजित पवार के नेतृत्व वाले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी को सिर्फ महाराष्ट्र ही नहीं बल्कि अन्य राज्यों के संदर्भ में भी यह भी लिखित आश्वासन देने का निर्देश दिया कि वह पोस्टरों में शरद पवार के नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे। साथ ही, कोर्ट ने कहा कि अजित पवार गुट ही घंडी के सिंबल का इस्तेमाल करेगा।

सुप्रीम कोर्ट ने शरद गुट को NCP शरदच्रंद पवार नाम से ही लोकसभा चुनाव 2024 लड़ने की इजाजत दे दी है। कोर्ट ने उसके चुनाव चिह्न ट्रम्पेट को भी मान्यता दे दी है। कोर्ट ने इलेक्शन कमीशन को निर्देश दिया कि वह लोकसभा-विधानसभा चुनावों के लिए दूसरों को तुरही चुनावी सिंबल ना दे। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने अजित पवार गुट (Ajit Pawar Faction) को असली NCP बताने वाले चुनाव आयोग के फैसले पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था।

घड़ी का चुनाव चिन्ह अजित पवार के पास ही रहेगा

शरद पवार गुट की मांग थी कि अजित पवार को दिया गया एनसीपी का घड़ी चुनाव चिह्न फ्रीज किया जाए। अजित पवार को घड़ी चुनाव चिन्ह देने से ग्रामीण वोटर्स में भ्रम की स्थिति पैदा हो सकती है। इसलिए शरद पवार गुट के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने मांग की थी कि अजित पवार को घड़ी चुनाव चिन्ह नहीं दिया जाना चाहिए। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मांग को खारिज कर दिया और घड़ी का चुनाव चिह्न अजित पवार की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के पास बरकरार रखा। सुप्रीम कोर्ट ने संकेत दिया कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि भविष्य में घड़ी का चुनाव चिह्न अजित पवार के पास ही रहेगा।

तीन भाषाओं में जानकारी देने की जरूरत

घड़ी के चुनाव चिह्न को लेकर भ्रम की स्थिति से बचने के लिए अजित पवार को हिंदी, अंग्रेजी और मराठी अखबारों में सार्वजनिक सूचना जारी करनी चाहिए। कोर्ट ने निर्देश दिया कि नोटिस में यह लिखा होना चाहिए कि यह घड़ी मेरी है। इस समय अजीत पवार गुट ने कोर्ट में एक शपथ पत्र भी दाखिल किया कि हम भविष्य के चुनावी अभियानों में शरद पवार की फोटो या नाम का इस्तेमाल नहीं करेंगे।’

बता दें कि 6 फरवरी को इलेक्शन कमीशन ने अजित पवार गुट को ही असली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी माना था। आयोग ने यह फैसला बहुमत के आधार पर लिया था। कमीशन ने कहा कि अजित पवार गुट एनसीपी के नाम और सिंबल का इस्तेमाल कर सकते हैं। चुनाव आयोग ने पवार गुट की पार्टी का नाम ‘NCP शरद चंद्र पवार’ रखा था। ये नाम शरद गुट द्वारा भी चुनाव आयोग को सुझाया गया था। बाद में ईसी की तरफ से भी इसे मान्यता दे दी गई है।