सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को मराठा आरक्षण पर महाराष्ट्र सरकार की ओर से दायर क्यूरेटिव पिटीशन को स्वीकार कर लिया। इसके बाद मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने इसे एक बड़ी राहत बताया और कहा कि उनकी सरकार मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए सभी प्रयास करेगी। मराठा समुदाय के सदस्यों ने भी सरकार के इस कदम की सराहना की।
एकनाथ शिंदे ने एक मराठी समाचार चैनल से बात करते हुए कहा, “मनोज जारांगे-पाटिल को दोबारा आंदोलन नहीं करना पड़ेगा। सुप्रीम कोर्ट ने हमारी क्यूरेटिव याचिका स्वीकार कर ली है और 24 जनवरी को इस पर सुनवाई होगी। क्यूरेटिव याचिका हमारी सरकार द्वारा दायर की गई है। हमने इस पर दो महीने तक कड़ी मेहनत की थी। हमारे प्रयासों का परिणाम आया है। मैं मराठा आरक्षण पर अपना पक्ष रखने का अवसर देने के लिए सुप्रीम कोर्ट को धन्यवाद देना चाहता हूं।”
एकनाथ शिंदे ने कहा कि सरकार मराठा आरक्षण के पक्ष में बहस करने के लिए वकीलों की नियुक्ति करेगी। उन्होंने कहा, ”हम महाराष्ट्र में मराठा समुदाय के सामाजिक पिछड़ेपन को साबित करेंगे। 2018 में देवेंद्र फड़नवीस के नेतृत्व वाली सरकार ने मराठा समुदाय को आरक्षण प्रदान किया। फडणवीस शासन के दौरान बॉम्बे हाई कोर्ट में आरक्षण को बरकरार रखा गया था। हालांकि महा विकास अघाड़ी के कार्यकाल के दौरान इसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया था।”
एकनाथ शिंदे ने कहा, ”सुप्रीम कोर्ट ने जो भी टिप्पणियां कीं, जो भी कमियां बताईं, हमारी सरकार और हमारे विशेषज्ञ वकीलों की टीम ने उन पर काम किया है और अदालत में दलीलें पेश करेंगे। हम मराठा समुदाय के लिए आरक्षण सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। हम सुप्रीम कोर्ट से समुदाय को न्याय दिलाने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे। हम सभी का एक ही मकसद है मराठा समुदाय को आरक्षण दिलाना और इसलिए हमें संयम दिखाना चाहिए और धैर्य रखना चाहिए।”
मराठा क्रांति मोर्चा के समन्वयक विनोद पाटिल ने भी एक क्यूरेटिव याचिका दायर की थी। उन्होंने कहा, “मेरी क्यूरेटिव याचिका को पहले सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार किया और फिर राज्य सरकार की क्यूरेटिव याचिका को स्वीकार किया गया। यह मराठा समुदाय के लिए एक बड़ा डेवलपमेंट है। मैं दो बड़े मामलों का हवाला दे सकता हूं (भोपाल गैस त्रासदी और दिल्ली बम विस्फोट मामला) जहां सुप्रीम कोर्ट ने क्यूरेटिव याचिका स्वीकार कर ली थीं और अपने ही फैसले पलट दिए थे। ऐसे चार-पांच प्रमुख मामले हैं जहां क्यूरेटिव याचिका स्वीकार की गई।”