महाराष्ट्र चुनाव में बीजेपी ने अपने संकल्प पत्र में विनायक दामोदर सावरकर को भारत रत्न दिलाने का वादा किया है। इस वादे के साथ सावरकर को लेकर चर्चाओं का दौर जारी है। विपक्ष बीजेपी के इस वादे पर आक्रमक है। वीर सावरकर पर गांधी हत्या की योजना में शामिल होने के आरोप लगे थे। वह अन्य 8 आरोपियों को साथ गिरफ्तार भी किए गए थे हालांकि सबूतों के अभाव में बाद में उन्हें बरी कर दिया गया था।

इस बीच महात्मा गांधी के पड़पोते तुषार गांधी ने सावरकर के निर्दोष होने पर सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने कहा है कि गांधी की हत्या मामले में सावरकर निर्दोष साबित नहीं हुए थे। उन्होंने कहा कि बापू की हत्या की साजिश के मकसद को समझने की जरूरत है।

तुषार गांधी ने कहा ‘सावरकर को सबूतों के अभाव में बरी किया था। कोर्ट ने उन्हें बरी नहीं किया था। कोर्ट ने उस दौरान कहा था कि सबूतों के अभाव में और शक के आधार किसी को दोषी नहीं माना जा सकता। लेकिन आज उन्हें ‘भारत रत्न’ देने की बात हो रही है।’

उन्होंने कहा कि ‘बापू की हत्या के पीछे क्या मकसद थे इन्हें समझने की जरूरत है। उनकी हत्या की साजिश किस तरह रची गई इसपर भी सोचने की जरूरत है। गौरतलब है कि इससे पहले कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने कहा था कि जिस दिन सावरकर को भारत रत्न दिया जाएगा वह इतिहास का ‘काला दिन’ होगा।

मालूम हो कि महाराष्ट्र में बीजेपी की सहयोगी पार्टी शिवसेना और खुद बीजेपी अक्सर सावरकर की देशभक्ति का गुणगान करती रहती है। सावरकर समर्थक अक्सर सावरकर को मिली काला पानी की सजा (अंडमान जेल में कैद) का जिक्र करते हैं। वहीं सावरकर के आलोचक उनके द्वारा अंग्रेजी शासन के सामने माफीनामा लिखने को लेकर उनकी आलोचना करते रहते हैं।