शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के एक बयान के चलते हिंदुत्व समर्थक वीडी सावरकर एक बार फिर सुर्खियों में बने हुए हैं। हाल में सावरकर पर लिखी किताब के विमोचन पर ठाकरे ने एक टिप्पणी करते हुए कहा कि अगर हिंदुत्व विचारक वीर सावरकर उस समय देश के प्रधानमंत्री होते तो पाकिस्तान अस्तित्व में ही नहीं आता। अब ठाकरे के बयान पर कटाक्ष करते हुए कांग्रेस ने उनके बयान को निराधार बताया है। कांग्रेस ने पुराने दिनों को याद करते हुए बताया कि कैसे हिंदुत्व के आइकन सावरकर ने दो राष्ट्रों के सिद्धांतों का प्रचार किया। वह महात्मा गांधी की हत्या में आरोपी भी रहे। पार्टी ने इस दौरान यह भी कहा कि संघ परिवार की कोशिश है कि वह अपने आदर्शों के मुताबिक इतिहास दोबारा लिखे। पुराने दस्तावेजों के हवाले से कांग्रेस ने दावा किया कि वो सावरकर ही थो जो महात्मा गांधी की हत्या के आरोपी भी थे।

कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर एक बयान जारी कर कहा कि सावरकर ने नागपुर में अगस्त 1943 को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की। जारी दस्तावेज में सावरकर के हवाले से लिखा गया, ‘बीते 30 सालों से हम भारत की भौगोलिक एकता के अभ्यसत रहे हैं और कांग्रेस इस एकता की सबसे जोरदार तरीके से वकालत करती रही है। मगर अचानक से मुस्लिम समुदाय एक के बाद एक छूट की मांग करते हैं तो यह कम्युनल अवॉर्ड के रूप में सामने आया है कि उन्हें एक अलग देश चाहिए। दो राष्ट्र के सिद्धांत को लेकर मेरा मिस्टर जिन्ना (पाकिस्तान के कायद-ए-आजम मोहम्मद अली जिन्ना) से कोई झगड़ा नहीं है। हम हिंदू अपने आप मैं एक देश हैं और एतिहासिक तथ्य है कि हिंदू और मुस्लिम दो राष्ट्र हैं।’

उल्लेखनीय है कि सावरकर महात्मा गांधी की हत्या में भी आरोपी थे और पर्याप्त सबूते के अभाव में उन्हें बरी कर दिए गया। इसके बावजूद वह महाराष्ट्र में जबरदसत् सद्भावना रखते हैं। हालांकि कांग्रेस अतीत में ऐसे मुद्दों को ज्यादा तवज्जों नहीं देती रही है मगर राष्ट्रीय परिदृश्य में नरेंद्र मोदी की मौजूदगी के कांग्रेस वैचारिक मुद्दों पर कड़ा रुख अपना शुरू कर दिया है।

सावरकर के इस कोट के साथ कांग्रेस ने ट्विटर पोस्ट में लिखा, ‘संघ बिरादरी इतिहास को दोबारा लिखकर अपना सबसे बेहतर तरीके से समय काटते हैं। यह बात रिकॉर्ड में है कि संघ विचारक सावरकर दो राष्ट्र सिद्धांत के समर्थक थे। और यह भी प्रासांगिक है कि जब स्वतंत्रता संग्राम के दौरान लोग अंडमान जेल में गए तब सिर्फ तीन लोगों ने पत्र के जरिए अंग्रेजों को माफीनामा भेजा था। उनमें से दो सावरकर के भाई थे। इनमें वीडी सावरकर ने छह पत्र लिखे। इसके विपरीत पंडित जवाहरलाल नेहरू ने नौ साल जेल में बिताए मगर कभी किसी अंग्रेज को माफीनामे का पत्र नहीं लिखा।

उल्लेखनीय है कि शिवसेना प्रमुख ठाकरे ने एक आत्मकथा ‘‘सावरकर: इकोज फ्राम अ फॉरगाटेन पास्ट” के विमोचन के मौके पर कहा कि ‘सावरकर को भारत रत्न से नवाजा जाना चाहिए।’ उन्होंने तर्क दिया कि केवल महात्मा गांधी और नेहरू पर ध्यान केंद्रित करना गलत था क्योंकि अन्य नेताओं ने भी स्वतंत्रता संग्राम में योगदान दिया था।