भारत ने गुरुवार को सऊदी अरब से कहा कि दो नेपाली महिलाओं के बलात्कार और उत्पीड़न के आरोपी उसके राजनयिक को जांचकर्ताओं के सामने पेश किया जाए और आक्रोश पैदा करने वाले इस मामले की जांच में सहयोग किया जाए। सऊदी अरब के राजदूत सद मोहम्मद अल्साती को विदेश मंत्रालय बुलाया गया और कहा गया कि आरोपी राजनयिक इस मामले की जांच कर रही गुड़गांव पुलिस को बयान दें। इस बीच दो मेडिकल बोर्ड ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि पीड़ित महिलाओं के साथ बुरी तरह यौन उत्पीड़न किया गया। दोनों मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट एक समान है।
गुड़गांव सिविल अस्पताल के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘मेडिकल जांच से पता चला कि इन महिलाओं को बुरी तरह यातना दी गई। इस बर्बरता से उबरने में पीड़ितों को बरसों लगेंगे। अधिकारी ने कहा कि आरोपी इन महिलाओं के साथ सारी हदें पार कर गए। प्रधान चिकित्सा अधिकारी कांता गोयल ने कहा कि दोनों मेडिकल रिपोर्ट के निष्कर्ष एक जैसे हैं। यह रिपोर्ट पुलिस को सौंप दी गई है। 44 साल और 22 साल की इन महिलाओं की दो बार जांच हुई। एक जांच स्त्री विशेषज्ञ ने की और दूसरी बार पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड ने की। इसमें पीड़ितों से बलात्कार की पुष्टि हुई है। मेडिकल जांच में उनके यौन अंगों के जख्मी होने की भी बात सामने आई।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि सऊदी राजनयिक के मेहमान पोर्न फिल्में देखते थे और इन महिलाओं के साथ वैसी ही हरकत करते थे। पीड़िताओं के अंगों में जबरन ‘सेक्स टॉय’ डालते थे।
उधर, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने कहा, ‘विदेश मंत्रालय के प्रोटोकॉल प्रमुख ने सऊदी अरब के राजदूत को बुधवार को बुलाया और हरियाणा पुलिस के आग्रह से उन्हें अवगत कराया जिसमें नेपाल की दो महिला नागरिकों के मामले में दूतावास से सहयोग करने के लिए कहा गया है’। यह पता चला है कि राजनयिक अपने परिवार के साथ सऊदी दूतावास में चले गए हैं जबकि दोनों नेपाली महिलाएं गुरुवार सुबह नेपाल के लिए रवाना हुर्इं।
गुड़गांव पुलिस के एसीपी (अपराध) राजेश चेची ने बताया कि गुड़गांव पुलिस ने मामले की जांच की ‘विस्तृत’ रिपोर्ट बुधवार रात मंत्रालय को भेजी थी। दोनों महिलाओं के दूसरे चिकित्सकीय परीक्षण के बाद रिपोर्ट भेजी गई। परीक्षण में उनसे बलात्कार और अप्राकृतिक यौनाचार की पुष्टि हुई है।
यह पूछे जाने पर कि क्या सऊदी अरब ने गुड़गांव में अपने घर में महिलाओं के बंधक बनाने और उनका बलात्कार करने के आरोपी राजनयिक को अभियोजन से बचाने के लिए राजनयिक छूट की बात की है, सूत्रों ने कहा कि भारत को इस तरह के किसी कदम के बारे में जानकारी नहीं दी गई है।
पुलिस ने सोमवार को गुड़गांव स्थित राजनयिक के आवास से दोनों महिलाओं को बचाया था। सूत्रों ने कहा कि नेपाल सरकार ने भारत से सऊदी राजनयिक के खिलाफ कार्रवाई और पीड़ित महिलाओं को न्याय तय करने का आग्रह किया है।
सऊदी अरब के पास एक विकल्प यह है कि राजनयिक को भारत से बाहर स्थानांतरित कर दिया जाए जबकि दिल्ली के पास विकल्प है कि अगर वह जांच में सहयोग नहीं करता है तो उसे ‘अवांछित व्यक्ति’ (सरकार द्वारा किसी राजनयिक के देश में ठहरने पर पाबंदी) घोषित किया जाए।
सऊदी दूतावास ने बुधवार को बयान जारी कर आरोपों को ‘गलत’ बताया था और कहा कि ‘सभी राजनयिक समझौतों’ का उल्लंघन कर राजनयिक के घर में पुलिस की ‘घुसपैठ’ का वह विरोध करता है। सऊदी अरब के राजदूत ने दूतावास के कुछ वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एमईए के वरिष्ठ अधिकारियों से बुधवार को मुलाकात की और अपना विरोध जताया।
बहरहाल, महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के एक समूह ने सऊदी दूतावास के बाहर प्रदर्शन करते हुए राजनयिक के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की। उन्होंने मांग की कि उसे राजनयिक छूट नहीं दी जाए।
गुड़गांव पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘जहां तक जांच का सवाल है तो महिलाओं को व्यक्तिगत रूप से पेश होने की जरूरत नहीं है। उनकी दो बार चिकित्सकीय जांच हुई है और एक न्यायिक मजिस्ट्रेट के सामने उनके बयान भी दर्ज हो गए हैं’।
नेपाल दूतावास के पुलिस काउंसलर राजेंद्र मान श्रेष्ठ इस मामले की जांच को लेकर गुड़गांव पुलिस आयुक्त के कार्यालय गए। अधिकारी ने कहा, ‘श्रेष्ठ और अधिकारियों के बीच बैठक करीब 20 मिनट चली, जिसमें उन्होंने मामले की प्रगति के बारे में बुनियादी जानकारी साझा की और श्रेष्ठ ने जांच में उनके प्रयासों के लिए गुड़गांव पुलिस का आभार जताया’।