मंगलवार को सूत्रों ने बताया कि अयोध्या में राम मंदिर ट्रस्ट ने भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) को मंदिर की नींव के लिए बेहतर मॉडल सुझाने को कहा है क्योंकि सरयू नदी की एक धारा इसके नीचे पाई गई है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के पूर्व प्रधान सचिव नृपेंद्र मिश्रा की अध्यक्षता में मंदिर की निर्माण समिति ने मंगलवार को यहां इस मामले पर विचार-विमर्श किया।
एक सूत्र ने कहा कि विचार-विमर्श के दौरान, यह पाया गया कि मंदिर की नींव के लिए मौजूदा मॉडल संभव नहीं है क्योंकि सरयू नदी की एक धारा मंदिर के नीचे से बह रही है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के सूत्रों ने कहा कि आईआईटी से मंदिर की मजबूत नींव के लिए बेहतर मॉडल का सुझाव देने का अनुरोध किया गया है। बता दें कि राम मंदिर निर्माण 2023 में पूरा किया जाना है।
मंदिर ट्रस्ट की निर्माण समिति दो विकल्पों पर विचार-विमर्श कर रही है। पहला तो ये कि राफ्ट को सपोर्ट करने के लिए वाइब्रो स्टोन कॉलम का उपयोग किया जाए जिस पर कि पत्थर रखे जा सकते हैं और दूसरा ये कि मिट्टी की गुणवत्ता और पकड़ को मजबूत किया जाए।