राजस्थान के सरिस्का बाघ अभयारण्य से खुशखबरी आई है। यहां में सरिस्का में तीन नए बाघ शावक नजर आए हैं, जिससे अभयारण्य में बाघों की संख्या बढ़कर 33 हो गई है। इस खुशखबरी को खुद सीएम भजनलाल शर्मा ने शेयर की है। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने सोशल मीडिया’एक्स’ पर एक तस्वीर शेयर करते हुए लिखा, ‘‘शानदार खुशखबरी… सरिस्का बाघ अभयारण्य के तालवृक्ष रेंज में बाघिन ‘एसटी 12’ को तीन नए शावकों के साथ कैमरे में कैद किया गया है।’’

उन्होंने आगे लिखा कि इसके साथ ही अब सरिस्का में कुल 25 वयस्क बाघ और 8 शावक हैं। उन्होंने यह भी लिखा, ‘‘पारिस्थितिकी तंत्र के लिए प्रकृति के अद्वितीय विरासत, बाघों का होना बहुत जरूरी है। शक्ति, खूबसूरती व सामर्थ्य के प्रतीक, ‘राष्ट्रीय पशु’ बाघ के संरक्षण-संवर्धन हेतु हमारी सरकार संकल्पबद्ध है।’

2005 में नहीं बचा था कोई बाघ

दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत शृंखला अरावली में सरिस्का अभयारण्य 1213.34 वर्ग किलोमीटर में फैला है। सरिस्का में 2005 में कोई बाघ नहीं बचा था। यहां फिर से बाघों की बसाने के लिए 2008 में सवाई माधोपुर जिले के रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान से दो बाघ-बाघिन को लाकर बाघ पुनर्वास कार्यक्रम शुरू किया गया था। सरिस्का में बाघों के अलावा तेंदुए की बड़ी आबादी है। सरिस्का में सांभर, चीतल, नीलगाय और लंगूर आदि भी पाए जाते हैं। तस्वारों में शावक हेल्दी नजर आ रहे हैं। इनके जन्म से एक बार फिर सरिस्का अभयारण्य गुलजार हो गया है।

भूपेन्द्र यादव ने जताई खुशी

केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव ने सोशल माडिया एक्स पर कहा, “सरिस्का टाइगर रिजर्व से रोमांचक खबर आ रही है। बाघिन एसटी 12 को तालवृक्ष रेंज में 3 नए शावकों के साथ कैमरे में कैद किया गया है। इससे सरिस्का में वयस्क बाघों की संख्या 25 और शावकों की संख्या 8 हो गई है। मेरा सर्वश्रेष्ठ राजस्थान राज्य में समृद्ध वन्य जीवन की कामना करता हूं।”

यहां देखिए तस्वीरें-