भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा एक बार फिर सोशल मीडिया पर ट्रोल्स के निशाने पर हैं। अपने विवादित बयानों के चलते पात्रा आए दिन सुर्खियों में बने रहते हैं। तेलंगाना वर्चुअल रैली का एक वीडियो शेयर करते हुए पात्रा ने लिखा कि “सरदार पटेल ने संभाला, नेहरू ने बिगाड़ा” अगर नेहरू की जगह सरदार पटेल भारत के प्रधानमंत्री होते तो बात ही कुछ और होती।” इसपर यूजर्स ने ट्रोल करते हुए लिखा कि अगर नेहरू ना होते तो आप आज डॉक्टर होने की जगह अंग्रेजों के गुलाम होते।
पात्रा ने जो वीडियो शेयर किया है उसमें वे भाषण दे रहे हैं। वीडियो में पात्रा कह रहे हैं कि कश्मीर में जिस तरह का अत्याचार हो रहा था ठीक उसी प्रकार का अत्याचार हैदराबाद में भी हो रहा था। किन्तु वहां नेहरू संभाल नहीं पाये लेकिन यहां सरदार पटेल ने हैदराबाद का जिस प्रकार से भारत में विलय किया। मैं चाहता हूँ कि एक बार सभी नमन करे अपने मन के अंदर ऐसे लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल का।
पात्रा ने कहा “नेहरू की जगह अगर पटेल देश के प्रधान मंत्री होते, ये जो एक परिवार ने दीमक की तरह हिंदुस्तान की भूमि को काट खाया है। इस एक परिवार का पहला पौधा अगर नेहरू हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री न बनते, अगर पटेल पीएम बनते तो जिस प्रकार हैदराबाद का समाधान हुआ उसी प्रकार कश्मीर का समाधान भी होता और कश्मीर इतने वर्षो तक आर्टिक्ल 370 की जकड़ में नहीं होता।”
“सरदार पटेल ने संभाला, नेहरू ने बिगाड़ा”
अगर नेहरू की जगह सरदार पटेल भारत के प्रधानमंत्री होते तो बात ही कुछ और होती।
Virtual Rally @BJP4Telangana pic.twitter.com/CLpPH02Eyp— Sambit Patra (@sambitswaraj) July 7, 2020
पात्रा के इस बयान पर लोग उन्हें ट्रोल करने लगे। यूजर्स का कहना था कि नेहरू का नाम लेकर मौजूदा सरकार की कमियों पर पर्दा नहीं डाल सकते। एक यूजर ने लिखा “सरदार पटेल ने आतंकवादी संगठन आरएसएस को बैन किया था, नेहरू ने दया दिखाई।” एक ने लिखा “नेहरू को गाली देना बहुत आसान है। मगर उनके जैसा बनना तुम्हारे बस की बात नहीं है सौ जन्म लेने पड़ेंगे पंडित नेहरू के जैसे बनने में, मोदी जी एक बात याद रखना इतिहास लड़ने वालों का लिखा जाता है सरेंडर करने वालों का नहीं।”
विनय कुमार नीम के यूजर ने लिखा “कायर और निकम्मे लोग अपनी नाकामियों का जिम्मा हमेशा अतीत को ठहराते हैं।” एक ने लिखा “अगर सरदार पटेल भारत के प्रधानमंत्री होते तो तुम जैसे घटिया, नेताओं का जन्म ही नहीं होता।”