पश्चिम बंगाल के संदेशखाली में महिलाओं के साथ उत्पीड़न का मुद्दा अब राष्ट्रीय स्तर पर ममता सरकार के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। इसके चलते अब ताबड़तोड़ कार्रवाई भी हो रही है। टीएमसी नेताओं के महिलाओं के साथ यौन उत्पीड़न करने के मामले में अब पुलिस ने गैंगरेप की धारा जोड़ दी है। इसके साथ ही आरोपी उत्तम सरदार और शिबू हाजरा को भी गिरफ्तार कर लिया गया। मुख्य आरोपी शाहजहां शेख की तलाश जारी है।
शिबू हाजरा की बात करें तो यह शख्स शाहजहां शेख का करीबी माना जाता है। जब शाहजहां शेख की गिरफ्तारी की मांग को लेकर उतरी महिलाओं को जब शिबू हाजरा और उनके समर्थकों ने धमकाया था। महिलाओं ने उसके अवैध पोल्ट्री फार्म में आग लगा दी थी। पुलिस ने संदेशखाली हिंसा से जुड़े मामले में पहले गैंगरेप की धारा जोड़ी फिर शिबू हाजरा को नजात से गिरफ्तार किया। शिबू हाजरा का संदेशखाली में पोल्ट्री फार्म था। उस पर आरोप है कि यह फार्म उसने सरकारी जमीन पर बना रखा था, साथ ही अन्य लोगों की जमीन पर भी कब्जा किया था।
शाहजहां शेख का करीबी होने के चलते पहले लोग उसका विरोध नहीं कर पा रहे थे लेकिन अब उन्होंने आवाज उठानी शुरू कर दी है। लोगों ने शिबू हाजरा के पोल्ट्री फार्म पर आग तक लगा दी थी। इस मामले में सरकारी वकील अरुण पाल ने बताया है कि केस में दो गैंगरेप की धाराएं जोड़ी गई हैं और कोर्ट से 10 दिन की हिरासत मांगी गई है। बशीरहाट के पुलिस जिला निरीक्षक हुसैन मेहदी रहमान ने कहा कि संदेशखाली अब पूरी तरह से नियंत्रण में है लेकिन इस पूरे केस की तहकीकात की जा रही है।
पुलिस प्रशासन पर उठे हैं सवाल
संदेशखाली विवाद के चलते एक तरफ जहां बंगाल में कानून व्यवस्था को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं तो दूसरी ओर अफसरों पर इसकी गाज भी गिरी है। राज्य पुलिस के एडीजी और बारासात के डीआईजी का ट्रांसफर किया गया है। बता दें कि संदेशखाली विवाद के चलते एक बार फिर राज्य में पुलिस प्रशासन पर सवाल खड़े होने लगे है और मुख्य विपक्षी दल बीजेपी इसे सबसे बड़ा मुद्दा बना रही है। हालांकि प्रशासन ने शुरू से ही इस आरोप को नजरंदाज किया है।
ममता पर हमलावर बीजेपी
वहीं बीजेपी इस मुद्दे को लेकर सीएम ममता बनर्जी के खिलाफ हमलावर है। बीजेपी विधायक अग्निमित्रा पॉल ने कहा है कि हम बहुत अब भी बहुत आशवस्त नहीं हैं लेकिन चलिए कम से कम बंगाल की पुलिस ने अब इस प्रकरण को स्वीकार किया है। समस्या सिर्फ संदेशखाली में नहीं है, यह पूरे बंगाल में है। यह सब ममता बनर्जी की देखरेख और मार्गदर्शन में चल रहा है। वह इन अपराधियों को समर्थन और प्रेरणा दे रही हैं क्योंकि यह सब गिव एंड टेक पॉलिसी है।