पश्चिम बंगाल में संदेशखाली विवाद के चलते सियासी पारा चढ़ा हुआ है। इस बीच अब संदेशखाली के नजदीकी इलाके बरमाजुर में महिलाओं ने विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है। महिलाएं टीएमसी नेता की गिरफ्तारी की मांग पर अड़ गई है। टीएमसी नेता अजीत मैती पर संदेशखाली की महिलाओं ने बड़े आरोप लगाए हैं। दूसरी ओर ममता के मंजचियों के सामने ही महिलाएं स्थानीय नेता के खिलाफ एक्शन न लेने को लेकर भड़क गईं। बता दें कि डैमेज कंट्रोल के लिए ममता ने अपने दो मंत्रियों को संदेशखाली भेजा था, जो कि जनता के बीच जाकर टीएमसी नेताओं द्वारा पैदा की जा रहीं समस्या सुन रहे हैं।

गौरतलब है कि TMC के एक प्रतिनिधिमंडल ने रविवार को लगातार उन जगहों का दौरा किया जहां पिछले दिनों लोग टीएमसी के स्थानीय नेताओं के खिलाफ नाराजगी जाहिर कर रहे थे। इन मंत्रियों ने संकटग्रस्त संदेशखाली का दौरा किया। बता दें कि यहां सत्तारूढ़ दल के स्थानीय नेताओं के कथित अत्याचारों के खिलाफ महिलाएं जमकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। बता दें कि टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल में राज्य के मंत्री पार्थ भौमिक और सुजीत बोस शामिल थे।

जनता के बीच पहुंचे मंत्रियों ने जनता की समस्या सुनने के बाद सारी समस्या को सॉल्व करने के लिए डेढ़ महीने का समय मांगा है। ममता सरकार के प्रतिनिधिमंडल ने ग्रामीणों से उनकी मांग मानने की बात भी कही है। पार्थ भौमिक और सुजीत बोस ने राधाकृष्ण मंदिर में एक ‘कीर्तन’ में भाग लिया और वहां एक जनसभा को संबोधित किया।

राज्य के सिंचाई मंत्री पार्थ भौमिक ने कहा कि हमें डेढ़ महीने का समय दीजिए। हमने वादा किया है कि जमीन हड़पने की जितनी भी घटनाएं सामने आई हैं, उनका सत्यापन किया जाएगा। मंत्री ने कहा कि हम सभी समस्याओं को एक बार में हल नहीं कर सकते। मुद्दों के समाधान के लिए आधिकारिक प्रक्रियाओं की जरूरत है जिन्हें पूरा किया जाएगा।

टीएमसी के प्रतिमंडल में शामिल नेताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी क्षेत्र के प्रत्येक निवासी के आंसू पोंछने के लिए प्रतिबद्ध हैं, भौमिक ने कहा कि वह और अग्निशमन और आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस आने वाले दिनों में नियमित रूप से क्षेत्र का दौरा करेंगे और ग्रामीणों के साथ बातचीत करेंगे। वहीं जब स्थानीय नेताओं पर कार्रवाई को लेकर बात की गई तो उसका भी मंत्रियों ने जवाब दिया है।

गौरतलब है कि महिलाओं ने टीएमसी नेताओं के खिलाफ ग्रामीणों ने गंभीर आरोप लगाए हैं। इस पर मंत्रियों ने कहा कि हमने उन्हें पहले ही पार्टी पदों से हटा दिया है और पुलिस ने जांच शुरू कर दी है। ममता सरकार के मंत्री ने कहा कि हम यहां आपकी बातें सुनने आए हैं। हमें बाहरी न समझें।