सरकारी बैठकों में अकसर समोसा, कचौड़ी और जलेबी दी जाती है। लेकिन राजस्थान की भजनलाल सरकार ने अब इसे बैन कर दिया है। सरकारी कर्मचारियों की सेहत को देखते हुए सरकार ने ऐसा फैसला लिया है। राजस्थान में एक पत्र जारी किया गया और सरकारी बैठकों में मिलने वाले स्नैक्स का मेन्यू चेंज कर दिया गया।

सरकारी बैठकों में नए मेन्यू के हिसाब से नाश्ता परोसा जाएगा

राजस्थान के कार्मिक विभाग ने पत्र जारी किया है। पत्र के अनुसार अब सरकारी बैठकों में नए मेन्यू के हिसाब से नाश्ता परोसा जाएगा। इसमें समोसा, कचौड़ी या जलेबी नहीं मिलेगा बल्कि रोस्टेड आइटम्स परोसे जायेंगे। सोशल मीडिया पर भी सरकार के इस फैसले की काफी चर्चा हो रही है।

बता दें कि सरकार का मानना है कि तली-भुनी और फ्राईड चीजों की वजह से सरकारी कर्मचारियों की सेहत पर बुरा असर पड़ रहा था और इसी वजह से इसमें बदलाव किया गया। अब बैठकों में रोस्टेड चना, रोस्टेड मूंगफली, मखाने और मल्टीग्रेन बिस्किट्स दिए जायेंगे। विभाग के अनुसार कर्मचारियों की हेल्थ को ध्यान में रखकर ये मेन्यू बनाया गया है।

सरकार ने पीने के पानी को लेकर भी नए दिशा-निर्देश जारी किये हैं। सरकार के अनुसार अब प्लास्टिक बोतल में पानी नहीं दिया जाएगा। सरकारी कर्मचारियों को कांच के गिलास और बोतल में पानी दिया जाएगा। 23 जनवरी को ही ये आदेश जारी किया गया है।

कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे कर्मचारियों को मिली निराशा

दो दिन पहले ही भजनलाल सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया था। भजनलाल सरकार ने रिटायरमेंट के बाद संविदा पर काम कर रहे लोगों के कॉन्ट्रैक्ट खत्म कर दिये हैं। बता दें कि लगभग 2000 से अधिक कर्मचारी निकायों में रिटायर होने के बाद भी कॉन्ट्रैक्ट पर काम कर रहे थे। हालांकि अब भी कई सरकारी विभागों में रिटायर कर्मी पे माइनस पेंशन और कॉन्ट्रैक्ट बेसिस पर काम कर रहे हैं।

नगर पालिका, नगर परिषद के अलावा विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड और अन्य विभागों में 2 हजार के करीब रिटायर्ड कर्मचारी लगे हैं। इनमें से कई कर्मचारी तो ऐसे है जिनकी उम्र 65 साल या उससे ज्यादा हो चुकी है। लेकिन अब भी वे गार्ड की सैलरी पर कॉन्ट्रेक्ट के आधार पर डिपार्टमेंट में काम कर रहे हैं।