संभल में हुई हिंसा मामले में योगी सरकार सख्त है। योगी सरकार ने इसकी जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन किया है। योगी सरकार ने इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस डीके अरोड़ा की अध्यक्षता में 3 सदस्यीय न्यायिक आयोग का गठन किया है। इस आयोग में रिटायर्ड जस्टिस डीके अरोड़ा के अलावा रिटायर्ड आईएएस अमित मोहन प्रसाद और पूर्व डीजीपी एके जैन भी शामिल हैं।
दो महीने में आयोग सौंपेगा अपनी रिपोर्ट
आयोग इस बात की जांच करेगा कि संभल में हुई हिंसा संयोजित साजिश थी या फिर आकस्मिक घटी घटना थी। इसके अलावा संभल घटना में कौन से लोग शामिल है और उन लोगों की क्या भूमिका है, इसकी जांच भी आयोग ही करेगा। आयोग को दो महीने में अपनी रिपोर्ट सौंपनी है। इसके अलावा आयोग ऐसी घटनाओं को भविष्य में रोकने के लिए भी सरकार को सुझाव देगा।
सुप्रीम कोर्ट में संभल मामले की सुनवाई
वहीं संभल मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में होगी। सुप्रीम कोर्ट संभल के शाही जामा मस्जिद की मैनेजमेंट कमेटी द्वारा दायर की गई याचिका पर सुनवाई करेगा। इस याचिका में जिला अदालत के 19 नवंबर के आदेश को भी चुनौती दी गई है, जिसमें सर्वे का आदेश दिया गया था।
संभल में 19 नवंबर के बाद से ही तनावपूर्ण माहौल है। हालांकि भारी संख्या पुलिसबलों की तैनाती की गई है। आज जुमे की नमाज है। ऐसे में बलों की संख्या बढ़ा दी गई है। चप्पे चप्पे पर निगरानी रखी जा रही है और पुलिस के आलाधिकारी भी जिले में मौजूद हैं।
बता दें कि मुरादाबाद कमिश्नर आंजनेय सिंह ने बताया कि जुमे की नमाज को लेकर गुरुवार को पैदल मार्च किया गया और पीस कमेटी के साथ मीटिंग की गई। उन्होंने कहा कि कोशिश है कि लोग अपनी-अपनी मस्जिदों में नमाज पढ़ें। आंजनेय सिंह ने कहा कि संभल में पर्याप्त फोर्स है और संवेदनशील जगहों पर फोर्स मौजूद है। कल हर जगह शांति रहेगी। फिलहाल सभी पांच जिलों में शांति है।
इंटरनेट पर रहेगा बैन
बता दें कि संभल में आज इंटरनेट बंद है। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि धार्मिक स्थलों को सुरक्षित किया गया है और इंटरनेट पर बैन रहेगा। पुलिस द्वारा अपील की गई है कि कम से कम संख्या में लोग जामा मस्जिद आएं। बाहर के लोग जामा मस्जिद में न आएं तो अच्छा है। उन्होंने बताया कि जो लोग आएंगे उनके आईडी कार्ड्स या आधार कार्ड की जांच होगी। पढ़ें संभल में जुमे की नमाज को लेकर प्रशासन अलर्ट