मुरादाबाद से सपा सांसद डॉ. एसटी हसन ने कुछ दिनों पहले एक बयान दिया था कि भाजपा कॉमन सिविल कोड लाने वाली है और अगर यह लागू हुआ तो मुसलमान दूसरी शादी नहीं कर पाएंगे। इसी बयान से जुड़े एक सवाल पर समाजवादी पार्टी के सांसद ने इस पर सफाई दी और साथ ही उन्होंने दो शादी करने के पीछे तर्क भी रखे।

समाजवादी पार्टी के सांसद ने इंडिया टीवी के डिबेट शो ‘मुकाबला’ में कहा, ”दो शादी इसलिए करते हैं कि मान लीजिए पत्नी बहुत बीमार है, कोई लाइलाज बीमारी है या इस तरह की कोई परिस्थितियां हैं कि औलाद नहीं हो रही है तो दूसरी शादी की इजाजत है। हमारे यहां बैन नहीं है कि आप दूसरी शादी कर ही नहीं सकते हैं।”

वहीं, कॉमन सिविल कोड से जुड़े अपने बयान पर सफाई देते हुए एसटी हसन ने कहा, ”उसमें मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड खत्म होता है तो वक्फ खत्म हो जाएंगे, मुस्लिम अपनी विरासत के तौर पर जो बच्चों को देते हैं वो कानून खत्म हो जाएंगे और मुस्लिम दो शादी नहीं कर पाएंगे।”

इस दौरान सपा सांसद ने एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी के उस बयान से खुद को अलग किया जिसमें उन्होंने (ओवैसी) कहा था, ”शादी करोगे ना, बैचलर (कुंवारा) मत रहना, बैचलर बहुत परेशान कर रहे हैं, घर में पत्नी रहे तो आदमी का दिमाग भी शांत रहता है।” एसटी हसन ने कहा, ”ये सब बयान खुराफात हैं और मैं इससे खुद को एसोसिएट नहीं करता हूं।”

एंकर मीनाक्षी जोशी ने सपा सांसद से एक अन्य सवाल किया, ”परिवार में कितने बच्चे होने चाहिए?” इस पर एसटी हसन ने कहा, ”आज की दुनिया में कोई भी पढ़ा-लिखा आदमी मुझे नहीं मिलता है जो फैमिली प्लानिंग न करना चाहता हो। हर पढ़ा-लिखा आदमी चाहता है कि उसके बच्चे अच्छी शिक्षा हासिल करें और अच्छी नौकरी करें, अच्छी जगहों पर जाएं।” उन्होंने कहा कि इसके लिए फैमिली प्लानिंग हर कोई करता है चाहे वह मुस्लिम हो या हिंदू हो। सपा सांसद ने साथ ही यह भी कहा कि जहां पर साक्षरता कम है, वहां पर फैमिली प्लानिंग कम से कम होती है।