बिहार में NEET परीक्षा देने के बाद कोरोना से संक्रमित हुए एक छात्रा की मौत के मुद्दे पर समाजवादी पार्टी नेता अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने बुधवार को ट्वीट में केंद्र सरकार को हठधर्मी बताते हुए कहा कि एक पार्टी के अहंकार ने एक मां-बाप के आंगन को सूना कर दिया। इतना ही नहीं यूपी के मुख्यमंत्री रह चुके अखिलेश ने सरकार के स्कूल खोलने के विचार का भी विरोध किया और इसे असुरक्षित विकल्प बताया।
क्या है मामला?: दरअसल, इस साल देशभर में नीट परीक्षाएं कोरोना महामारी के बीच ही कराई गई हैं। इसके लिए बिहार के सकरा की रहने वाली एक 20 साल की छात्रा एग्जाम देने राजधानी पटना गई थी। घर लौटने के बाद तबियत खराब होने पर उसका कोरोना टेस्ट कराया गया, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई। लड़की को इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां सोमवार रात उसकी मौत हो गई। उसके परिवार के दो लोग भी कोरोना से पीड़ित पाए गए। फिलहाल उनकी हालत स्थिर है।
अखिलेश ने क्या कहा?: अखिलेश यादव ने बुधवार दोपहर इस मुद्दे पर ट्वीट किया। उन्होंने लिखा, “NEET परीक्षा देने से संक्रमित हुई बिहार की छात्रा की मृत्यु बेहद दर्दनाक है। भाजपा सरकार के हठधर्मी अंहकार ने आख़िरकार एक मां-बाप का आंगन सूना कर दिया। परिवार भी संक्रमित है। अब भाजपाइयों को समझ आया होगा कि जनता विरोध में क्यों थी।” अखिलेश ने इस ट्वीट में ‘नो मोर बीजेपी’ यानी भाजपा और नहीं हैशटैग भी इस्तेमाल किया।
स्कूल खोलने के मुद्दे पर भी भाजपा पर साध चुके हैं निशाना: इससे पहले ट्वीट के जरिए ही अखिलेश ने स्कूल खोलने के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा, “कोरोनाकाल में शिक्षा को निरंतर रखने के लिए स्कूल खोलना सुरक्षित विकल्प नहीं है। सरकार गरीब परिवारों में प्रति विद्यार्थी एक स्मार्ट फोन, नेटवर्क व बिजली उपलब्ध कराए। साथ ही टीचर्स को भी घरों पर डिजिटल अध्यापन के लिए निःशुल्क हार्डवेयर दे। भाजपा सरकार परिवारवालों से सलाह ले।