महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘‘देशभक्त’’ बताने वाले भारतीय जनता पार्टी के सांसद साक्षी महाराज ने एक नए विवादास्पद बयान में हिंदू महिलाओं से कहा है कि वे कम से कम चार बच्चे पैदा करें। विपक्षी दलों ने उनके इस बयान की कड़ी आलोचना करते हुए सरकार से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है।
साक्षी महाराज ने कहा,‘‘हमने ‘हम दो हमारा एक’ का नारा स्वीकार किया। तब भी इन देशद्रोहियों को संतोष नहीं हुआ है। उन्होंने एक और नारा दे दिया ‘हम दो और हमारे….’।’’
उन्नाव से भगवा वस्त्रधारी सांसद ने कल यहां एक धार्मिक सम्मेलन में कहा,‘‘इसीलिए मैं हिंदू महिलाओं से आग्रह करना चाहता हूं कि वे कम से कम चार बच्चों को जन्म दें। उनमें से एक साधुओं और संन्यासियों को दे दें। मीडिया कह रहा है कि सीमा पर संघर्षविराम उल्लंघन की घटनाएं हो रही हैं इसलिए एक को सीमा पर भेजें।’’
I’m shocked, does he think women in country are some machines to produce babies? Gaurav Bhatia, SP on Sakshi Maharaj pic.twitter.com/2WQ2wGBLuE
— ANI (@ANI_news) January 7, 2015
Sakshi Maharaj spent a month in jail for Rape charges & was expelled frm Rajyasabha aftr MP Fund Scam & we again elected him to power #Sorry
— The Logical Indian (@logicalindians) January 7, 2015
साक्षी महाराज ने इससे पहले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे को ‘देशभक्त’ बताकर विवाद खड़ा कर दिया था और इसके लिए उन्हें संसद में माफी मांगने पर मजबूर होना पड़ा था।
विपक्ष ने साक्षी के इस नए बयान पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। जद (यू) ने संघ परिवार पर निशाना साधते हुए कहा है कि सबसे पहले उसके नेताओं को इसका उदाहरण पेश करना चाहिए।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने पूछा,‘‘क्या भारत की जनसंख्या नीति में बदलाव लाया जा रहा है। प्रधानमंत्री पिछले 24 घंटे से मौन क्यों हैं। गृह मंत्री, पार्टी अध्यक्ष और वित्त मंत्री इस मुद्दे पर चुप क्यों हैं।’’ उन्होंने पूछा,‘‘क्या यह नई जनसंख्या नीति है। देश जवाब चाहता है। हमें जानते हैं कि कोई जवाब नहीं आएगा।’’
जद (यू) नेता के सी त्यागी ने व्यंग्य करते हुए कहा, ‘‘मोहन भागवत और संघ के अन्य सभी सदस्य जो कुछ कहते हैं और जो कुछ करते हैं, उसमें कोई अंतर नहीं होना चाहिए।’’ उन्होंने कहा,‘‘उनके लिए यह अनिवार्य होना चाहिए कि वे विवाह करें और चार बच्चों को जन्म दें। इसके बाद ही उन्हें हिंदू समुदाय से ऐसा आग्रह करना चाहिए।’’ राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रचारकों को अविवाहित रहने की शपथ लेनी होती है।
गौरतलब है कि सरकार को पिछले शीतकालीन सत्र में संसद में काफी कठिन समय देखना पड़ा जब भाजपा के बहुत से सांसदों के धर्मांतरण मुद्दे को लेकर दिए भड़काऊ बयानों का विपक्षी दलों ने तीखा विरोध किया। इसके बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपने दल के नेताओं से संयम बरतने के लिए कहना पड़ा था।
केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति ने भी दिल्ली की अपनी एक रैली में आपत्तिजनक बयान देकर सरकार के लिए शमर्न्दिगी की स्थिति बना दी थी और विपक्ष की ओर से उनके इस्तीफे की मांग उठने के बाद मंत्री को संसद में माफी मांगनी पड़ी थी।