शिवसेना को कंगना रनौत से पंगा लेना भारी पड़ता दिख रहा है। कंगना के समर्थन में अयोध्या के संत भी उतर आए हैं। संतों ने उद्धव ठाकरे का विरोध शुरू कर दिया है। संतों और विश्व हिंदू परिषद (विहिप) ने उद्धव को अयोध्या नहीं आने की चेतावनी दी है। विहिप और संतों ने कहा है कि अयोध्या आने पर उनका स्वागत नहीं, बल्कि विरोध होगा।

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि ने भी कंगना रनौत को देश की बेटी बताया है। उन्होंने भी उद्धव ठाकरे को अयोध्या नहीं आने की धमकी दी है। इस बीच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार ने कंगना के घर पर बीएमसी की कार्रवाई को सही बताया है। साथ ही स्पष्ट किया कि बीएमसी की कार्रवाई में राज्य सरकार की कोई भूमिका नहीं है। बीएमसी ने नियमों और अधिनियम का पालन किया है। इससे पहले कुछ खबरें आयीं थी जिसमें दावा किया गया था कि शरद पवार ने मामले में नााखुशी जाहिर की है।

शिवसेना के नियंत्रण वाली बीएमसी ने बुधवार सुबह कंगना के दफ्तर पर ‘अवैध निर्माण’ को गिराने की कार्रवाई शुरू की थी। हालांकि इसके कुछ देर बाद ही अदालत से कंगना को राहत मिल गई। कोर्ट ने बीएमसी की कार्रवाई पर रोक लगा दी। कंगना के वकील का दावा है कि बीएमसी की कार्रवाई में करीब दो करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। बीएमसी को मुआवजा देना चाहिए। बीएमसी की कार्रवाई का मामला हाई कोर्ट में है।

अयोध्या में हनुमान गढ़ी मंदिर के पुजारी महंत राजू दास ने कंगना के दफ्तर को तोड़ने का विरोध किया है। उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे या शिवसेना का कोई भी नेता अयोध्या में आया तो उसका विरोध होगा। संत उनकी करतूत के खिलाफ हैं। बीएमसी ने कंगना का दफ्तर तोड़कर अच्छा नहीं किया।

महंत गिरि ने कहा कि कंगना रनौत बहादुर और हिम्मत वाली बेटी हैं। उन्होंने बॉलीवुड के माफिया और ड्रग माफिया के रैकेट का भंडाफोड़ किया है। उन्होंने निडर होकर बॉलीवुड में एक विशेष समुदाय के वर्चस्व के खिलाफ खुलकर आवाज उठाई है। इससे न केवल बॉलीवुड के माफिया डर गए हैं, बल्कि सरकार के भी कदम उखड़ रहे हैं।