साहित्य अकादेमी ने हिंदी के लिए नंदकिशोर आचार्य, अंग्रेजी के लिए सांसद डॉ. शशि थरूर, उर्दू के लिए प्रो. शाफे किदवई और पंजाबी भाषा के लिए किरपाल कजाक समेत 23 भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को 2019 का अकादेमी पुरस्कार देने का बुधवार को एलान किया। प्रेस को जारी बयान में साहित्य अकादमी के सचिव के. श्रीनिवासराव ने बताया कि सात कविता-संग्रह, चार उपन्यास, छह कहानी-संग्रह, तीन निबंध संग्रह, एक-एक कथेतर गद्य, आत्मकथा और जीवनी के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार घोषित किए गए हैं।

पुरस्कारों की अनुशंसा 23 भारतीय भाषाओं की निर्णायक समितियों द्वारा की गई। साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष डॉ. चंद्रशेखर कंबार की अध्यक्षता में आयोजित अकादमी के कार्यकारी मंडल की बैठक में इन्हें अनुमोदित किया गया। श्रीनिवासराव ने बताया कि हिंदी में नंदकिशोर आचार्य को उनके कविता संग्रह ‘छीलते हुए अपने को’ के लिए प्रतिष्ठित पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा। अंग्रेजी में कथेतर गद्य ‘एन एरा आॅफ डार्कनेस’ के लिए थरूर को साहित्य अकादेमी पुरस्कार से नवाजा जाएगा। थरूर कांग्रेस नेता हैं और केरल की तिरुवनंतपुरम सीट से लोकसभा सदस्य हैं। राव के मुताबिक, ‘सवनेह-सर सैयद : एक बाजदीद (जीवनी) के लिए शाफे किदवई को पुरस्कृत किया जाएगा। इसके अलावा, असमिया में जयश्री गोस्वामी महंत को ‘चाणक्य’ (उपन्यास), मणिपुरी में बेरिल थंगा (एल. बिरमंगल सिंह) को ‘ई अमादी अदुनगीगी ईठत’ (उपन्यास), तमिल में चो. धर्मन को ‘सूल’ (उपन्यास), और तेलुगु में बंदि नारायणा स्वामी को ‘सेप्ताभूमि’ (उपन्यास) के लिए साहित्य अकादेमी पुरस्कार दिया जाएगा। श्रीनिवासराव ने कहा कि बोडो में फुकन चंद्र बसुमतारी को ‘आखाइ आथुमनिफ्राय’ (कविता), कोंकणी में निलबा आ. खांडेकार को ‘ध वर्ड्स’ (कविता), मैथिली में कुमार मनीष अरविंद को ‘जिनगीक ओरिआओन करैत’ (कविता), मलयालम में वी. मधुसूदनन नायर को ‘अचन पिरन्ना वीदु’ (कविता), मराठी में अनुराधा पाटील को ‘कदाचित अजूनही’ (कविता), संस्कृत में पेन्ना-मधुसूदन को ‘प्रज्ञाचाक्षुषम’ (कविता) के लिए पुरस्कार प्रदान किया जाएगा।

कहानी संग्रह के लिए अब्दुल अहद हाजिनी (कश्मीरी) को ‘अख याद अख कयामत’, तरुण कांति मिश्र (ओड़िया) को ‘भास्वती’, किरपाल कजाक (पंजाबी) को ‘अंतहीन’, रामस्वरूप किसान (राजस्थानी) को ‘बारीक बात’, काली चरण हेम्ब्रम (संथाली) को ‘सिसिरजली’, ईश्वर मूरजाणी (सिंधी) को ‘जीजल’ के लिए सम्मानित किया जाएगा। बांग्ला में ‘घुमेर दरजा थेले’ (निबंध) के लिए चिन्मय गुहा को, डोगरी में ‘बंदरालता दर्पण’ (निबंध) के लिए ओम शर्मा ‘जंद्रयाड़ी’ को, गुजराती में ‘मोजमा रे’ वुं रे!’ (निबंध) के लिए रतिलाल बोरीसागर को, कन्नड़ में विजया को ‘कुड़ी एसारू’ (आत्मकथा) के लिए पुरस्कार दिया जाएगा।

श्रीनिवासराव के मुताबिक इन पुस्तकों को संबंधित भाषा के त्रिसदस्यीय निर्णायक मंडल ने निर्धारित चयन-प्रक्रिया का पालन करते हुए पुरस्कार के लिए चुना है। नियमानुसार कार्यकारी मंडल ने निर्णायकों के बहुमत के आधार पर अथवा सर्वसम्मति के आधार पर चयनित पुस्तकों के लिए पुरस्कारों की घोषणा की है। पुरस्कार एक जनवरी 2013 से 31 दिसंबर 2017 के दौरान पहली बार प्रकाशित पुस्तकों को दिया गया है। साहित्य अकादेमी पुरस्कार के रूप में एक उत्कीर्ण ताम्रफलक, शॉल और एक लाख रुपए की राशि प्रदान करेगी। घोषित पुरस्कार 25 फरवरी 2020 को दिल्ली में आयोजित एक विशेष समारोह (साहित्योत्सव) में दिए जाएंगे।