विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने गुरुवार को बताया कि सूडान में सुरक्षा संबंधी जमीनी हालात बेहद अस्थिर और अप्रत्याशित बने हुए हैं और वहां रह रहे अपने नागरिकों को सुरक्षित निकालना भारत की प्राथमिकता है। हिंसाग्रस्त सूडान से नागरिकों को निकालने के भारत के अभियान ‘आपरेशन कावेरी’ के तहत करीब 600 भारतीय स्वदेश पहुंच चुके हैं। विदेश सचिव ने बताया कि 360 भारतीय नागरिक बुधवार की रात को सऊदी अरेबिया की उड़ान से भारत आए, जबकि भारतीय वायु सेना के सी17 विमान से 246 नागरिक महाराष्ट्र पहुंच रहे हैं।
विदेश सचिव ने बताया कि करीब 1700 से 2000 नागरिक संघर्ष वाले क्षेत्र से बाहर आ गए हैं और इनमें वे नागरिक भी शामिल हैं जिन्हें पहले ही सूडान से निकाल लिया गया और जो खार्तूम से पोर्ट सूडान के रास्ते में हैं। वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ट्वीट किया कि आपरेशन कावेरी के तहत एक और विमान मुंबई पहुंचा। 246 भारतीय स्वदेश लौटे।
जबकि विदेश राज्य मंत्री वी मुरलीधरन ने अपने ट्वीट में कहा कि आइएनएस तेग से जेद्दा पहुंचे 297 भारतीयों की आगवनी करके खुश हूं । इस दूसरे जहाज और कुल छह जत्थों में करीब 1100 भारतीय सूडान से सुरक्षित निकाले गए। दूसरी ओर, आपरेशन कावेरी के बारे में विदेश सचिव क्वात्रा ने संवाददाताओं को बताया कि सूडान में भारत संघर्षरत दोनों पक्षों एवं अन्य हितधारकों के सम्पर्क में है और संबंधित पक्षों से सकारात्मक संकेत मिलने के बाद अपने नागरिकों को निकाल सका, क्योंकि वे समझते हैं कि नयी दिल्ली, खार्तूम के साथ मजबूत विकास गठजोड़ का पक्षधर रहा है।
उन्होंने बताया कि सूडान में सुरक्षा संबंधी जमीनी हालात बेहद अस्थिर बने हुए हैं। हम सूडान की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि भारत अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी पक्षों के साथ सम्पर्क बनाये हुए हैं। उन्होंने कहा कि हमारा अनुमान है कि करीब 3500 भारतीय नागरिक और करीब 1000 भारतीय मूल के लोग (पीओआई) वहां रह रहे हैं।
क्वात्रा ने कहा कि जहां पर लड़ाई चल रही है, वहां स्थिति बहुत अस्थिर एवं परिवर्तनशील है। इसलिए यह कहना कठिन है कि सूडान में संघर्षरत दोनों पक्षों में से किसका दबदबा कौन से क्षेत्र में है। ‘हालांकि हम अपने नागरिकों की सुरक्षा के लिए सभी के साथ सम्पर्क बनाए हुए हैं। क्वात्रा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देश के अनुसार हमारा पूरा प्रयास है कि जितने नागरिक संघर्ष वाले क्षेत्र में फंसे हुए हैं, उन्हें अति शीघ्र, सुरक्षित बाहर निकाला जाए और फिर उन्हें भारत लाने की व्यवस्था की जाए। उन्होंने बताया कि सूडान से भारतीयों को लाने में सऊदी अरब की सरकार से शानदार समर्थन मिल रहा है जिसमें विभिन्न प्रकार की व्यवस्था करने के साथ पारगमन संबंधी प्रक्रियाओं को पूरा करना भी शामिल है।
विदेश सचिव ने बताया कि 25 अप्रैल को आईएनएस सुमेधा से 278 नागरिकों को सूडान से निकाल कर जेद्दा लाया गया। इसी दिन सी130जे विमान की दो उड़ान से क्रमश: 121 और 135 नागरिकों को निकाला गया। उन्होंने बताया कि 26 अप्रैल को नौसेना के जहाज आइएनएस तेग से 297 नागरिकों को तथा सी130जे विमान से 264 नागरिकों को निकाला गया। क्वात्रा ने कहा कि अभी 320 भारतीय पोर्ट सूडान पर मौजूद हैं और उन्हें सऊदी अरब के शहर जेद्दा लाया जाएगा।
उन्होंने कहा कि आॅपरेशन कावेरी में शामिल होने के लिए नौसेना का एक और जहाज आइएनएस तरकश पोर्ट सूडान पहुंच रहा है। मंत्रालय के अनुसार, खार्तूम से पोर्ट सूडान की दूरी 850 किलोमीटर है और बस से यह यात्रा करने में 12 से 15 घंटे का समय लगता है। आपरेशन कावेरी में भारतीय नौसेना के तीन जहाज आईएनएस सुमेधा, आइएनएस तेग और आइएनएस तरकश शामिल हैं। इसके अलावा वायु सेना के दो सी130जे विमान भी इस अभियान में शामिल हैं।
भारत ने सूडान की स्थिति को लेकर नई दिल्ली में चौबीसों घंटे चलने वाला एक नियंत्रण कक्ष स्थापित किया है। इसके अलावा एक नियंत्रण कक्ष पोर्ट सूडान में और एक अन्य सऊदी अरब के शहर जेद्दा में स्थापित किया गया है। विदेश सचिव ने बताया कि 42 भारतीय नागरिक दक्षिणी सूडान की ओर चले गए हैं। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का प्रयास अपने नागरिकों को सुरक्षित रहने का सुझाव देने और इसमें उनकी मदद करना है। उन्होंने कहा कि भारत को कुछ अन्य देशों से भी अपने नागरिकों को बाहर निकालने में मदद करने संबंधी सुझाव मिले हैं और हम उनकी मदद को इच्छुक हैं लेकिन यह प्रक्रियागत चीजों को पूरा करने पर निर्भर करता है।
ज्ञात हो कि सूडान में सेना और अर्द्धसैनिक समूह के बीच सत्ता हासिल करने के लिए भीषण संघर्ष जारी है। पिछले 13 दिनों से जारी भीषण लड़ाई में 400 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। सूडान में दोनों पक्षों के 72 घंटे के संघर्ष विराम पर सहमत होने के बाद भारत ने वहां फंसे अपने नागरिकों को बाहर निकालने के प्रयास तेज कर दिये हैं।
शुक्रवार को एक उच्च-स्तरीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सूडान से 3000 से अधिक भारतीयों को सुरक्षित रूप से निकालने की आपातकालीन योजनाओं की तैयारी के निर्देश दिये थे। एक सप्ताह पूर्व एस जयशंकर ने भारतीयों की सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने के लिए सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात और मिस्र के अपने समकक्षों से बात की थी। गुरुवार को उन्होंने संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस के साथ बात की थी।
भारतीयों को वापस लाई वायुसेना की पहली और इकलौती सी-17 महिला पायलट : सूत्र
भाषा : भारी-भारकम परिवहन विमान सी-17 ग्लोबमास्टर को उड़ाने में सक्षम भरतीय वायुसेना की पहली और इकलौती महिला पायलट फ्लाइट लेफ्टिनेंट हर राज कौर बोपराय ने भी संकटग्रस्त सूडान में फंसे भारतीयों को स्वदेश वापस लाने के लिए चलाए गए ‘आपरेशन कावेरी’ में हिस्सा लिया। आधिकारिक सूत्रों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। एक अधिकारिक सूत्र ने कहा कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट हर राज कौर सी-17 की पायलट हैं।
उन्होंने आपरेशन कावेरी में हिस्सा लिया। विशाल विमान ने गाजियाबाद स्थित हिंडन हवाई अड्डा से जेद्दा के लिए उड़ान भरी और बचाए गए लोगों को जेद्दा से लेकर मुंबई पहुंचा। उन्होंने कहा कि यह विमान मुंबई में गुरुवार को उतरा।सूत्र ने कहा कि फ्लाइट लेफ्टिनेंट हर राज कौर भारतीय वायुसेना की पहली और इकलौती महिला पायलट हैं जो सी-17 उड़ाती हैं।
वह विमान के स्क्वाड्रन में इकलौती महिला अधिकारी हैं। यह स्क्वाड्रन वायुसेना के हिंडन हवाई अड्डे पर स्थित है। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मुंबई में उतरने के बाद वापस लाए गए लोगों की तस्वीरें साझा कीं। उन्होंने ट्वीट किया कि आपरेशन कावेरी के तहत एक और विमान मुंबई आया। 246 और भारतीय मातृभूमि लौट आए। अब तक सूडान से 606 भारतीयों को वापस लाया गया है।